किसानों के सर मंडरा रहा कॉर्पोरेट कब्जे का खतरा, 15 वें वित्त आयोग ने राज्य सरकार को दिए ये सुझाव
किसान बारिश के इंताजर में आश लगाए बैठे है। इधर बारिश की ऐसी नाराजगी कि बादल बरसने की जगह और तेज धूप और गर्मी से लोगों को हलाकान कर रहा है । इधर मानसून पर अचानक ब्रेक लग जाने से जिले के बांध, तालाबों व जलाशयों का स्तर भी मानूसन के इंतजार में रसातल की ओर है। 15 दिनों से लोग मूसलाधार बारिश के लिए तरस रहे हैं ।सो रहे परिवार पर अज्ञातों ने किया जानलेवा हमला, वारदात से इलाके में फैली सनसनी
मानसून ने किसानों की बढ़़ाई चिंता
मानसून की इस बेरुखी से आम लोगों के चेहरे तो मुरझाए ही हैं। अन्न उत्पादक किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें अब गहराने लगी हैं। अब किसानों को कर्ज लेकर खेती में लगे लागत को कैस निकालें इसकी चिंता सता रही है। किसान परेशान है कि इस बार बारीश नहीं हुई तो हमारा क्या होगा।
15 दिन पहले ही लेट है मानसून
पहले ही 15 दिन मानसून लेट था इसलिए खेती किसानों का काम पहले ही पिछड़ गया था। अब बारिश की बैरूखी से अब किसानों मजधार में खडा कर दिया हैं। कई किसानों ने किसी तरह से बीज छिडकर बोआई कर दी। कई किसान धान की रोपाई डालकर छोड दिया है। अब आगे क्या होगों इसको लेकर किसान चिंतित है।
पानी का अधिक सेवन ले सकता है आपकी जान, खबर पढ़े सिर्फ 10 पॉइंट्स में
फैक्ट फाइल
जिले में 20-21 जुलाई के ब्लॉकवार औसत वर्ष
सुकमा : 60.1 प्रतिशत
छिंदगढ़ : 93.1 प्रतिशत
कोंटा : 83.4 प्रतिशत
जिला का औसत वर्षा : 84.2
खेतों में पडऩे लगी है दरारे
पंद्रह दिन हो गये हैं, अच्छे से बारीश नहीं हुई है। इस बीच दो से तीन बार हलकी बारीश जरूर हुई। लेकिन उससे काम नहीं चल सकता है। लम्बे समय से बारीश नहीं होने ( chhattisgarh in famine) से खेतों से पानी सुखने लगा है खेतों में दरारे पढने लगी है। यही हाल हप्ता दस दिनों तक रहा तो किसानों के लिए ये बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाएगी।