कर्मचारियों की इस समस्या की ओर न तो अस्पताल प्रबंधन ध्यान दे रहा है और न कंपनी। अस्पताल प्रबंधन और कंपनी द्वारा कर्मचारियों की ओर ध्यान न दिए जाने की बजह से कर्मचारियों ने ओपीडी टाइम में काम बंद हड़ताल कर दी।
अस्पताल प्रबंधन ने कंपनी को करीब चार माह से भुगतान नहीं किया गया है। इस कारण कर्मचारियों का करीब पांच लाख रुपए बकाया है। इससे कर्मचारी परेशान हैं। पांच रुपए प्रति मरीज मिलता है भुगतान
उल्लेखनीय है कि कंपनी द्वारा अस्पताल में आने वाले मरीजों के जो पर्चे बनाए जाते हैं उनका प्रति मरीज पांच रुपए के हिसाब से भुगतान किया जाता है। यह राशि चार माह से लंबित है।
विदित हो कि जिला चिकित्सालय के मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध होने के बाद मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। बर्तमान में जिला चिकित्सालय में विभिन्न बीमारियों से संबंधित एक हजार से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं।
कई बार अस्पताल और कंपनी प्रबंधन को बताए जाने के बाद भी पैसे न दिए जाने से परेशान कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी। कर्मचारियों ने ओपीडी टाइम में पर्चा बनाना बंद कर दिया। जब सीएमएचओ और सिविल सर्जन मौके पर पहुंचे और सोमवार को भुगतान का आश्वासन दिया तब जाकर कर्मचारियों ने पर्चा बनाना शुरू किया। यह स्थिति दोपहर १२ बजे से एक बजे तक रही। इस दौरान जो भी मरीज डॉक्टर को दिखाने या भर्ती होने पहुंचे उन्हें परेशान होना पड़ा।
कर्मचारियों को भुगतान किए जाने के लिए तीन माह का पेमेंट दो दिन पहले ही किया जा चुका है। भूलवश लेखापाल द्वारा भुगतान नहीं डाला गया लेकिन सोमवार तक पेमेंट हो जाएगा
डॉपी के शर्मा सिविल सर्जन, जिला चिकित्सालय दतिया