जानकारी के अनुसार आग लगने की घटना बाढ़ उदयपुरिया गांव निवासी दिव्यांजन त्रिलोकचंद मीना के यहां हुई। पीडि़त की पत्नी दोपहर करीब दो बजे घर पर बने छप्परपोश में चूल्हे पर खाना पका रही थी और वह पानी लेने के लिए बाहर चली गई। इसी दौरान छप्परपोश तक आग की चिंगारी जा पहुंची और छप्परपोश जलने लगा। कुछ ही देर में आग वहां रखे गैस सिलेण्डर तक भी पहुंचकर गई और तेज धमाके के साथ सिलेण्डर फट गया। इसके बाद आग ने भीषण हो गई।
ग्रामीणों के अनुसार गैस सिलेण्डर फटने का धमाका करीब एक किलोमीटर तक सुना गया और करीब तीन सौ मीटर दूरी तक सामान जा गिरा। गैस सिलेण्डर फटने के दौरान पीडि़त परिवार के लोग भी भाग छूटे। इससे जनहानि टल गई। आग के विकराल रूप को देख बुझाने के प्रयास में जुटे ग्रामीण व परिजन भी बेबस हो गए और तीनों छप्परपोश में मौजूद सभी सामान जल कर राख हो गया। बाद में ग्रामीणों ने मशक्कत कर आग पर काबू पाया।
जानकारी के अनुसार आग में करीब आठ लाख रुपए मूल्य के सोने-चांंदी के जेवरात, एक लाख ग्यारह हजार की नकदी, खाने पीने के सभी सामान, बिस्तर, कपड़े, 50 मन गेहंू, पांच बोरी मूंगफली, चार बोरी बाजरा, 15 कट्टे खाद, पाइप समेत अन्य सामान भी जल कर राख हो गया। अब स्थिति यह है कि त्रिलोक चंद के परिवार के पास कपड़े तक भी नहीं बचे हैं।
मामले की जानकारी मिलने पर मौके पर हल्का पटवारी बनवारी लाल फुलवारिया व ग्राम विकास अधिकारी पहुंचे और नुकसान की रिपोर्ट तैयार की। कुछ भाजपा जिला उपाध्यक्ष हरकेश मटलाना ने पीडि़त परिवार को नकद सहायता प्रदान की और घटना के बाद मौके पर एक भी प्रशासनिक अधिकारी के पहुंचने पर रोष भी जताया। इस दौरान मुरारीलाल, कन्हैयालाल मीना, रामखिलाड़ी बालोत, कमलेश कोटवाल एवं सांवलराम मीना समेत कई जनों ने पीडि़त परिवार को ढांढस बंधाया। (नि.प्र.)