मंत्रिमंडल के नए स्वरूप के बाद जिलेवासियों को सबसे अधिक उम्मीदें परसादीलाल से हैं। स्वास्थ्य विभाग जन-जन से जुड़ा हुआ है तथा जिले की स्थिति भी विकट है। दो दिन पूर्व खुद परसादीलाल के समक्ष कार्यकर्ताओं ने चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर खासा असंतोष प्रकट किया था। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की चुनौती भी रहेगी। साथ ही दौसा जिला अस्पताल सहित सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपचार के पुख्ता प्रबंध कराने का जिम्मा भी अब स्थानीय मंत्री होने के कारण परसादीलाल पर आ गया है। इधर, दौसा जिले में कृषि विपणन व पर्यटन विकास की भी भरपूर संभावना है।
मंत्री के जिले में सीएमएचओ ही नहीं
दौसा जिले के किसी विधायक को पहली बार चिकित्सा मंत्रालय मिला है, लेकिन उनके विभाग के जिला अधिकारी का पद ही यहां रिक्त पड़ा है। दौसा में सीएमएचओ को पद करीब दो माह से रिक्त है। जयपुर के अधिकारी को दौसा का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा हुआ है।
– सरकारी स्तर पर बेहतर चिकित्सा सुविधाएं व मजबूत प्रबंधन
– जिला अस्पताल से मरीजों को ‘रैफर टू जयपुरÓ करने पर लगाम
– एमआरआई सहित अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों की सुविधा
– जिले में नए उपस्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना
– दौसा में सेटेलाइट अस्पताल
– लालसोट अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा
– सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सकों की सेवाएं
– हृदय, किडनी जैसे गंभीर रोगों के उपचार की व्यवस्था
– दौसा में मेडिकल कॉलेज का काम तेजी से पूरा कराना
– स्त्री, शिशु, सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट जैसे विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी पूरा करना
– दौसा जिले के पर्यटन स्थलों का विकास व नए पर्यटन स्थल तैयार करना
– नई कृषि उपज मंडियों की स्थापना व वर्तमान में संचालित मंडियों में सुविधाओं का विस्तार
– कृषि विपणन के माध्यम से सड़कें व गोदाम आदि का निर्माण