शुक्रवार को सुबह 10 बजे मंदिर का पट खोला गया। इसके बाद 10.30 पंडित बालकृष्ण शर्मा वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ महाप्रभु की पूजा कराया। यजमान के रूप में अजय अग्रवाल और उनकी धर्मपत्नी ने पूजा-अर्चना कर परिवार तथा शहरवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। करीब एक घंटे के पूजा-अर्चना के बाद विश्व शांति के लिए हवन कुंड में आहुतियां डाली गई, जिसके बाद महाप्रभु भगवान जगन्नाथ, माता सुभ्रदा, भाई बलभद्र और सुदर्शन चक्र को गर्भगृह में स्थापित किया गया।
मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया कि 14 जुलाई को अलसुबह 5 बजे भगवान की पूजा आरती के बाद मंदिर का पट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा। उधर धमतरी शहर के सबसे प्राचीन जगन्नाथ मंदिर में भगवान को एक नए रूप में देखने के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह बना हुआ है। मंदिर समिति द्वारा दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए विशेष व्यवस्था की गई है। बताया गया है कि दोपहर 1.30 बजे भगवान जगन्नाथ को रथ में विराजित किया जाएगा। इस अवसर पर किशन अग्रवाल, भरत सोनी, अनिल मित्तल, किरण कुमार गांधी, लक्ष्मीचंद बाहेती समेत श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे।