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मोदी से भी दमदार है राहुल गांधी की कुंडली, जानिए किसे मिलेगा देश का सिंहासन

राहुल गांधी की जन्म कुंडली के मुताबिक ऐसा होगा भविष्य

Aug 04, 2018 / 02:29 pm

Shyam

Rahul Gandhi

मोदी से भी दमदार है राहुल गांधी की कुंडली, जानिए किसे मिलेगा देश का सिंहासन

देश की राजनीति में क्या उथल-पुथल होगी, अगले चुनाव में कौन प्रधानमंत्री बनेगा या वर्तमान प्रधानमंत्री का पद छिन जाएगा । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की कुंडली बताती है कि वे दमदार नेतृत्व के साथ उभरेंगे, लेकिन कुछ कमियों से वे पीछे रह सकते हैं । जाने राहुल गांधी के कुंडली के ग्रहों के अनुसार क्या होगा उनका राजनीतिक भविष्य । ज्योतिषाचार्य पं. अरविंद तिवारी ने पत्रिका डॉट कॉम को बताया की राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनो ही वृश्चिक राशि के जातक हैं ।


ज्योतिषाचार्य पं. अरविंद तिवारी ने बताया कि राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को सुबह 6:00 बजे दिल्ली में हुआ था । मिथुन लग्न और धनु राशि के जातक हैं राहुल गांधी का जन्म नक्षत्र ज्येष्ठा नक्षत्र के चौथे चरण का जन्म है । कुंडली के अनुसार प्रधानमंत्री के घर में जन्न लेने के कारण जातक को समाज में प्रसिद्धि तो मिलेगी पर स्वयं का व्यक्तित्व नहीं होगा ।


पिता और विवाह के सुख से वंचित


पं. तिवारी के अनुसार राहुल गांधी की कुंडली में लग्नेश बुध बारहवें भाव में है, मेष राशि का शनि एकादश भाव में है, दशम भाव का स्वामी बृहस्पति वक्री होकर पंचम भाव में पड़ा हुआ है, कुंडली के तीसरे भाव में केतु वक्री है, भाग्य स्थान में राहु है, द्वितीय भाव में पंचम भाव का स्वामी शुक्र 9 डिग्री का हो पर पड़ा हुआ है, कुंडली के मुताबिक माता के अधिक स्नेही होने के कारण राजनीति में ज्यादा कुछ नहीं कर पायेंगे । लग्न में सूर्य और मंगल की युति है, मंगल सप्तम भाव को देख रहा है जिसके चलते उनका विवाह नहीं हो सका । एकादश भाव में नीच का शनि पंचम भाव यानी राजनीति के भाव को देख रहा है जिसके चलते उनको बचपन में पिता का सुख नहीं मिल पाया ।

 

ये ग्रह अच्छे वक्ता और अच्छे राजनेता नहीं बनने देते
पं. तिवारी ने बताया अगर किसी जातक की कुंडली में बुध शुक्र कमजोर स्थिति में पड़ रहते है तो वह जातक समाज में उच्च पद पर होने के बावजूद भी हंसी का पात्र बनता है । वहीं लग्न का स्वामी ग्रह बुध जो की बुद्धि और वाणी का कारक है लग्न से बारहवें भाव में पड़ा है जिसके कारण राहुल गांधी कभी भी उत्तम वक्ता नहीं बन सकते, राजनीति में यश और मान सम्मान दिलाने वाला ग्रह यानि पराक्रम भाव का स्वामी ग्रह सूर्य 3 डिग्री का होकर लग्न में पड़ा हुआ है जिसके चलते जातक भविष्य में राजनीति के सर्वोच्च स्थान तक नहीं पहुंच सकते ।

Rahul Gandhi

वर्तमान में मंगल की महादशा और शनि की साढ़ेसाती


वर्तमान में राहुल गांधी के ऊपर जो महादशा चल रही है वह मंगल की अर्थात छठे भाव की महादशा चल रही है, जो कि 10 फरवरी 2024 तक चलेगी । इनकी कुंडली में यदि मंगल की स्थिति को देखा जाए तो वह लग्न में स्थित होकर पड़ा हुआ है जो कि राहुल की राशि स्वामी भी है, वर्तमान में शनि की साढ़ेसाती भी इनके ऊपर चल रही है, अगर किसी जातक की कुंडली में शनि नीच का होकर यानी मेष राशि का होकर एकादश भाव में पड़ा हुआ है जो कि राजनीति के भाव यानी पंचम भाव पर अपनी दृष्टि डाल रहा है तथा आपके लग्न के ऊपर भी उसकी दृष्टि है जिसके चलते वह जातक कभी भी ओजस्वी वक्ता नहीं बन पाते और ना ही भविष्य में उच्चतर स्थान नहीं मिल पाता ।

 

2024 तक राजनीति से दूर हो सकते है ।


पं. तिवारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गाधी की कुंडली के मुताबिक दोनों ही वृश्चिक राशि के जातक हैं, और दोनों ही के ऊपर शनि की साढ़ेसाती चल रही है । परंतु राहुल गांधी की कुंडली में शनि नीच भाव का है । वर्तमान में आगामी 14 अक्टूबर से गुरु जो कि राहुल गांधी की राशि में प्रवेश करने जा रहा हैं, जिसके चलते इनको राजनीति में थोड़ा फायदा अवश्य होगा परंतु वह भी राहुल को प्रधानमंत्री के पद पर सुशोभित नहीं कर पाएगा । 2019 के चुनाव में ये इतनी सफलता नहीं प्राप्त कर पाएंगे जिसके चलते राहुल गांधी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते । राहुल की कुंडली के ग्रहों की चाल से पता चलता है कि 2019 के चुनाव के बाद जब अगला चुनाव 2024 का होगा तब तक शायद राहुल गांधी पूरी तरह राजनीतिक परिदृश्य से दूर हो जाएं ।

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