पितृ पक्ष : श्राद्ध अष्टमी एवं पुण्य कालाष्टमी 22 सितंबर रविवार को पिंडदान तर्पण के बाद करें कामना पूर्ति यह उपाय
भगवान सूर्य देव को नवग्रहों का राजा और प्राणी मात्र का प्राण दाता कहा जाता है। सूर्य के शुभ प्रभाव से व्यक्ति जीवन में भरपूर मान-सम्मान और हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। सूर्य प्रकाश पुंज है और हमारे दिवंगत पितृ को प्रकाश माना जाता है। अगर पितृ पक्ष वाले रविवार के दिन लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनकर सूर्य देव की पूजा-उपासना करने एवं उनके इन महाशक्ति शाली मंत्रों का जप करने से कोई भी अपने जीवन में मालामाल बन सकता है। इस दिन इन वस्तुओं का दान भी करना चाहिए- गुड़, गेहूं, तांबा, रूबि माणिक्य, लाल पुष्प, खस, मैनसिल आदि का दान करें।
आदि देव भगवान श्री सूर्य देव के इन महाशक्तिशाली मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र का जप सूर्योदय के समय 251 बार एवं सूर्यास्त के समय 108 बार करने से जीवन की समस्याओं का अंत होने लगता है। मंत्र जप के समय गाय के घी का दीपक जलते रहना चाहिए। ये उपाय अपने घर के पूजा स्थल में ही करना है।
सूर्य मंत्र
1- ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
2- ॐ घृणि सूर्याय नमः
3- ॐ मित्राय नम:
4- ॐ रवये नम:
5- ॐ सूर्याय नम:
6- ॐ भानवे नम:
7- ॐ पुष्णे नम:
8- ॐ मारिचाये नम:
9- ॐ आदित्याय नम:
10- ॐ भाष्कराय नम:
11- ॐ आर्काय नम:
12- ॐ खगये नम:
उक्त मंत्रों का जप करते समय भगवान सूर्य देव से अपनी समस्या निवारण की प्रार्थना भी करते रहे।
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