
Saat Phere in Hindu weddings
Saat Phere in Hindu weddings: सनातन धर्म में 16 मुख्य संस्कार हैं। जिनमें से शादी भी एक विशेष महत्वपूर्ण संस्कार है। हिंदू धर्म में यह बहुत ही पवित्र बंधन माना गया है। इस पवित्र बंधन में बंधने से पहले वर-वधू अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शादी में सात फेरों क्या महत्व है? यहां जानिए
धार्मिक मान्यता है कि हिंदू धर्म में विवाह के दौरान लिए गए सात फेरों का संबंध सात जन्मों से जुड़ा माना जाता है। इस पवित्र संस्कार में सप्तपदी का विशेष महत्व होता है। सात फेरे विवाह समारोह का केंद्रीय अंग होते हैं। हर फेरे में एक विशेष व्रत और प्रतिज्ञा की जाती है। जो जीवनभर एक-दूसरे के प्रति समर्पण, विश्वास और कर्तव्य का प्रतीक है।
पहला फेरा- जीवनसाथी के साथ मिलकर धर्म, अर्थ और काम के लिए समर्पण।
दूसरा फेरा- पति-पत्नी का एक-दूसरे के प्रति शारीरिक और मानसिक सुरक्षा का वचन।
तीसरा फेरा- संतान की प्राप्ति और उनके अच्छे पालन-पोषण का संकल्प।
चौथा फेरा- एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ रहने का वचन।
पांचवा फेरा- धैर्य, संयम और मित्रता बनाए रखने का संकल्प।
छठा फेरा- एक-दूसरे की इच्छाओं और सपनों का सम्मान करना।
सातवां फेरा- जीवनभर सच्चाई और वफादारी के साथ साथ निभाने का वादा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्तपदी जीवनभर के साथ का प्रतीक माना जाता है। इस संस्कार के माध्यम से यह सुनिश्चित होता है कि विवाह केवल शारीरिक बंधन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और मानसिक जुड़ाव भी है। इसके जरिए पति-पत्नि अपने रिश्ते को मजबूत करते हैं और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन करते हैं।
सात फेरे सनातन धर्म के दंपत्तियों के लिए अटूट विश्वास, प्रेम और समर्पण का प्रतीक हैं। यह संस्कार न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
Published on:
26 Nov 2024 05:10 pm
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