
महाकुंभ मेला 2025
Shahi Snan: महाकुंभ मेले के दौरान संगम में शाही स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि शाही स्नान से व्यक्ति के जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि संगम में स्नान करने से पहले कुछ छोटे-छोटे काम करना आपके स्नान को और अधिक पुण्यकारी और फलदायी बना सकते हैं। यहां जानिए उन कामों के बारे में जो आपके कष्टों को दूर करने में मददगार साबित होंगे।
शाही स्नान से पहले भक्तों को कुछ आवश्यक कार्य करने चाहिए। जिससे उनका स्नान अधिक फलदायी हो सकें
संकल्प लें- स्नान से पहले किसी शुभ मुहूर्त में गंगा के किनारे खड़े होकर अपने मन में अच्छे विचारों के साथ संकल्प करें।
दान करें- संगम में डुबकी से पहले गरीबों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा का दान करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।
मंत्र जप करें- इस पवित्र स्नान से पहले "ॐ नमः शिवाय" या "ॐ गंगे च यमुने चैव" मंत्र का जप करें।
आचरण सुधारें- शाही स्नान के दौरान अपने विचार और आचरण को शुद्ध रखें। किसी के प्रति बुरा विचार न रखें।
तीर्थराज प्रयागराज में महाकुम्भ के अवसर पर गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान का विशेष महत्व है। वेद, पुराणों में इसके प्रत्यक्ष प्रमाण भी मिलते हैं। ब्रह्मपुराण में संगम स्नान को अश्वमेध यज्ञ के समान फलदायी कहा गया है। महाकुम्भ के दौरान माघ मास की अलग-अलग तिथियों पर जल तत्व में सूर्य, चन्द्रमा की उर्जा में अत्यधिक वृद्धि होती है।धार्मिक मान्यता है कि संतों के सानिध्य में भगवान का नाम जप आदि धार्मिक क्रिया व्यक्ति को मोक्ष का अधिकारी बनाती हैं।
शाही स्नान केवल आध्यात्मिक शांति ही नहीं देता है बल्कि इससे भक्तों को धार्मिक बल की प्राप्ति भी होती है। मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान संगम का जल अमृतमय हो जाता है। इस जल में स्नान करने से व्यक्ति को कष्टों से मुक्ति मलती है। साथ ही यह मन और मस्तिष्क को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।
Updated on:
26 Nov 2024 04:29 pm
Published on:
26 Nov 2024 03:37 pm
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