योजना लागू होने के माह से पहले की बकाया बिल राशि को अनुदान में समायोजित नहीं किया जाएगा। यदि कोई किसान बिजली का कम उपयोग करता है और उसका बिल एक हजार रूपए से कम है, तो वास्तविक बिल एवं अनुदान राशि की अंतर राशि उसके बैंक खाते में जमा करवाई जाएगी। इससे किसानों में बिजली की बचत को प्रोत्साहन मिलेगा।