शरद महोत्सव में हुआ अखिल भारतीय मुशायरा
धौलपुर. मचकुण्ड रोड स्थित मेला मैदान पर शरद महोत्सव के तहत चल रहे शरद मेले में सामवार की रात आयोजित अखिल भारतीय मुशायरे में प्रस्तुत गजलों का श्रोताओं ने खूब लुत्फ उठाया।
धौलपुर•Nov 13, 2019 / 01:50 pm•
Naresh
शरद महोत्सव में हुआ अखिल भारतीय मुशायरा
शरद महोत्सव में हुआ अखिल भारतीय मुशायरा
धौलपुर. मचकुण्ड रोड स्थित मेला मैदान पर शरद महोत्सव के तहत चल रहे शरद मेले में रात आयोजित अखिल भारतीय मुशायरे में प्रस्तुत गजलों का श्रोताओं ने खूब लुत्फ उठाया।
कार्यक्रम की शुरूआत जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शक्ति सिंह ने पूर्व विधायक अब्दुल सगीर ने दीप प्रज्वलित कर की। कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में राजाखेड़ा के उपखण्ड अधिकारी संतोष कुमार गोयल, शहर काजी मतीन खां गौरी सहित अनेक प्रबुद्ध नागरिक मौजूद रहे। रात करीब डेढ़ बजे तक निर्बाध तरीके से चले मुशायरे में देश के विभिन्न हिस्सों से आए नामचीन शयरों ने अपनी प्रस्तुतियों से समां बांधे रखा। देश के नामचीन शायर राहत इंदौरी द्वारा प्रस्तुत गजल ‘अभी गनीमत है सब्र मेरा, अभी लबा-लब भरा नहीं है, वो मुझको समझ रहा है मुर्दा, उसको कहो मैं मरा नहीं हूं…, वो कह रहा है, के कुछ दिनों में… मिटा के रख दूंगा, नस्ल तेरी…, है उसकी आदत, डरा रहा है…, है मेरी फितरत, डरा नहीं हूं…Ó। पर वाह-वाही कर श्रोताओं ने दाद दी।
कार्यक्रम के उद्घाटन के बाद सबसे पहले उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से आई शबा बलरामपुरी ने अपनी गजल प्रस्तुत की। इसी क्रम में प्रस्तुत शेर ‘…अपने मुल्क की अमन ओ सलामती के लिए हिन्दू-मुसलमान के हाथ जोड़ूगां…..Ó ने भी खूब दाद पाई। अना देहलवी की गजल ‘…घर से जाऊं ना बजरिया,….बरसो जहां मोरे संवरियां,….बीत जाए ना उमरिया,Ó ने श्रोताओं को रामांचित कर दिया। उधर मुमताज नसीम, जौहर कानपुरी, हासिम फिरोजाबादी, अबरार, कोटा के कुंवर जावेद आदि ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं की वाह-वाही लूटी। गजल गायकों ने जहां अपनी रचनाओं से रोमांच पैदा किया वहीं सियासत पर कटाक्ष भी किए। राहत इंदोरी ने अपने अलग अंदाज से भी श्रोताओं को अपनी रचनाओं से जोड़े रखा।
Home / Dholpur / शरद महोत्सव में हुआ अखिल भारतीय मुशायरा