चंबल का धौलपुर जिला अब बीहड़, बागी, बंदूक की बजाय अच्छी शिक्षा और अफसर बनने की चाहत की ओर से अग्रसर है। पूर्वी राजस्थान का यह जिला चंबल के बीहड़ और डांग क्षेत्र में नामी दस्युओं की दहशत के लिए सुर्खियों में रहा है, लेकिन बदलते दौर के साथ कुछ दस्युओं ने हथियार छोड़ दिए।
रोहित शर्मा
चंबल का धौलपुर जिला अब बीहड़, बागी, बंदूक की बजाय अच्छी शिक्षा और अफसर बनने की चाहत की ओर से अग्रसर है। पूर्वी राजस्थान का यह जिला चंबल के बीहड़ और डांग क्षेत्र में नामी दस्युओं की दहशत के लिए सुर्खियों में रहा है, लेकिन बदलते दौर के साथ कुछ दस्युओं ने हथियार छोड़ दिए। अब सजा काटकर सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं। कुछ खेती या अन्य काम धंधे करके जीवन बसर कर रहे हैं।
अंगुलियों पर गिनने भर के रह गए दस्यु
ऐसा नहीं कि चंबल के बीहड़ से दस्युओं का सफाया हो गया हो, लेकिन अब इनकी संख्या अंगुलियों पर गिनने भर की रह गई है। पहले जो दस्यु थे, वे बीहड़ व डांग तक सीमित थे, लेकिन अब बदमाश है, जो डकैती, लूट, अपहरण जैसी संगीन वारदातों में शामिल हैं।
औतारी बोले, हर वक्त रहता था पुलिस की गोली का डर
साल 2004 करौली में तत्कालीन एसपी प्रेमसिंह चूड़ावत के समक्ष हथियार डाल चुका औतारी गुर्जर अब सरमथुरा तहसील के गांव खोंटवाई के हनुमान मंदिर में पूजा-पाठ करते नजर आता है। पुलिस एनकाउंटर के डर से औतारी ने साल 2004 में सरेंडर किया। औतारी की एमपी, यूपी और राजस्थान के डांग व बीहड़ में धमक हुआ करती थी। राजस्थान और मध्यप्रदेश से 35 हजार रुपए का इनामी दस्यु रहा औतारी लूट, डकैती, हत्या जैसे 40 से अधिक संगीन मुकदमों में अभियुक्त था। करीब आठ साल पहले वह मुकदमों से बरी होकर सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा है। 48 वर्षीय औतारी कहते हैं कि वह हनुमान जी की पूजा करते हैं और समाज के बीच अपने परिवार के साथ रहते हैं। वह दूसरी कक्षा तक पढ़े हैं रामायण सहित धार्मिक ग्रंथों का पाठ करते हैं और सरमथुरा के गांव घोटवाई और करौली के मासलपुर में खेतीबाड़ी करते हैं। औतारी के तीन पुत्र और एक बेटी है। इसमें बड़ा बेटा विष्णु सिंह जयपुर में आरएएस की तैयारी कर रहा है।
10 से 50 हजार के इनाम घोषित हैं बदमाशों पर
बता दें कि चंबल के बीहड़ों में अब भी कई इनामी हैं। जिला पुलिस की सूची में फरार चल रहे धर्मेन्द्र उर्फ लुक्का पर एडीजी (क्राइम) जयपुर से गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित है। वर्तमान में जिले में 59 इनामी बदमाश फरार चल रहे हैं। इसमें निजामपुर के वीरू उर्फ वीरेन्द्र पर राजस्थान से 25 और एडीजी चंबल रेंज से 30 हजार रुपए इनाम घोषित है। इसी तरह दस्यु राजवीर पर 25 हजार, शंकर व रामसहाय पर 25-25 हजार, बैद्यनाथ पर 25 राजस्थान और 10 हजार का इनाम भोपाल आइजी से घोषित है। इसी तरह दस्यु धारा पर जिला पुलिस से 25 हजार और एसपी भरतपुर से 3 हजार रुपए और रॉबिन पर 25 हजार रुपए का इनाम है।
बीहड़ जितने सुंदर, उतने ही खतरनाक: देवेंद्र
एमपी और धौलपुर के डांग क्षेत्र में दस्यु देवेन्द्र सिकरवार का खौफ रहता था। वह हत्या, लूट समेत 35 मुकदमों में नामजद था। इन केसों में वह साल 1993 में बरी हो चुका है। देवेन्द्र 1988 से 1992 तक बागी रहे और 1992 में एमपी के मुरैना में राजस्थान पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया। 65 वर्षीय देवेन्द्र को बीमारी की वजह से चलने में दिक्कत आती है। देवेन्द्र ने बताया कि बीहड़ दूर से खूबसूरत दिखते हैं, लेकिन इसमें जीवन गुजारना मुश्किल है। वह सरेंडर करने के बाद 7 माह जेल में रहे और फिर हत्या समेत अन्य मुकदमों में बरी हो गए। इसके बाद से सरमथुरा में परिवार के साथ रहते हैं। चार बेटी और एक बेटे में तीन विवाहित हैं। एक बेटी शिक्षक, बेटा टेलीकॉम कंपनी में नौकरी करता है और पत्नी आंगनबाड़ी से जुड़ी है।
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