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दिल्ली और जयपुर की कई बुजुर्ग महिलाओं के साथ घिनौना काम करने वाला सिरफिरा पकड़ा, दो गर्लफ्रैंड तलाश करती थीं शिकार….

Rajasthan News: फर्जी पुलिसकर्मी बनकर वृद्ध महिलाओं से ठगी करने वाली ईरानी गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। गैंग के सरगना ने जयपुर में किराए पर फ्लैट ले रखा था। लग्जरी कार से पत्नी के साथ शहर में घूमता था और ठगी के जेवरात उसके पर्स में रखता था, ताकि किसी को उन पर शक न हो।

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Jaipur Crime News: फर्जी पुलिसकर्मी बनकर वृद्ध महिलाओं से ठगी करने वाली ईरानी गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। गैंग के सरगना ने जयपुर में किराए पर फ्लैट ले रखा था। लग्जरी कार से पत्नी के साथ शहर में घूमता था और ठगी के जेवरात उसके पर्स में रखता था, ताकि किसी को उन पर शक न हो। शातिर ठग को पत्नी सहित पुलिस ने अजमेर के पास से पकड़ा है। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने एक कार, स्कूटी, मोटरसाइकिल जब्त की है। इनके अलावा आरोपियों के पास से नकली स्वर्णाभूषण भी बरामद किए हैं। डीसीपी ईस्ट कावेन्द्र सागर ने बताया कि भिवंडी, ठाणे, महाराष्ट्र निवासी साजिद उर्फ सिकंदर और उसकी पत्नी जेहरी कनीज को गिरफ्तार किया है। मामले में सरफू, कादिर और आरोपी के भाई मुसा की पुलिस तलाश कर रही है।

गौरतलब है कि आरोपियों ने 27 मार्च को श्याम नगर व मानसरोवर और 29 मार्च को जवाहर नगर, आदर्श नगर, मोती डूंगरी और अशोकनगर इलाके में पुलिसकर्मी बनकर बुजुर्ग महिलाओं से सोने के गहने ठगे थे। आरोपियों को पकड़ने में डीएसटी ईस्ट के हेड कांस्टेबल अविनाश, तकनीकी शाखा के गौरव व कांस्टेबल इस्लाम खान की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही।
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जेल से छूटा, जयपुर आकर की वारदात
पुलिस के मुताबिक सिकंदर कभी साधु तो कभी पुलिसकर्मी बनकर वृद्ध महिलाओं से ठगी करता रहा है। दिल्ली में उसके विरुद्ध कई मामले दर्ज हैं। करीब एक साल पहले ही वह तिहाड़ जेल से जमानत पर छूटा था। जिसके बाद वह पत्नी व साथियों को लेकर जयपुर आ गया।

दिल्ली में दूसरी पत्नी वारदात में रहती शामिल
पुलिस ने बताया कि आरोपी के पिता का भी इसी तरह का आपराधिक रिकॉर्ड है। करीब 13 साल पहले वह घर से निकल दिल्ली पहुंच गया। जहां उसने दूसरी शादी की। दूसरी पत्नी व उसके रिश्तेदारों को साथ लेकर दिल्ली में वारदात करता था। वहां पकड़े जाने के बाद पहली पत्नी जेहरी को लेकर जयपुर में वारदात की। आरोपी ने फर्जी आधार कार्ड भी बना रखे हैं।
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मेहनत लाई रंग
पुलिस टीम ने करीब 700 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली तब जाकर आरोपी पकड़े गए। रामनगरिया इलाके में उनके फ्लैट की जानकारी मिली, लेकिन आरोपी वहां नहीं मिले। आरोपी कार से कोटा निकल गए, वहां से ट्रेन का सफर करते हुए रतलाम, मुम्बई पहुंच गए। पुलिस टीम भी उनके पीछे लगी रही। आखिरकार आरोपी जयपुर लौटते समय अजमेर के पास पकड़ लिए गए।

ढाई महीने में भी नहीं हुआ वेरिफिकेशन
आरोपी ने जगतपुरा स्थित रेजीडेंसी महिमा पनोरमा में हस्तरेखा विशेषज्ञ बताकर बीस हजार रुपए में कमरा किराए पर ले रखा था। फ्लैट मालिक ने 30 जनवरी को रामनगरिया थाने में किराएदार के वेरिफकेशन की एप्लीकेशन लगाई थी। आरोपी के आधार कार्ड में नोएडा का एड्रेस था। पुलिस ने वेरिफाइ करने के लिए नोएडा पुलिस को डिटेल भेजी। इस बीच आरोपी ने शहर में छह वारदात कर दी, जबकि पुलिस उसका वेरिफिकेशन तक नहीं कर पाई।