मामला शहर के सदर थाने से जुड़ा है। सदर पुलिस ने सोमवार को चार अलग-अलग मार्गों पर कार्रवाई कर क्रूरतापूर्वक 12 ट्रकों में लादकर ले जाए जा रहे 155 पशुओं को मुक्त कराया था। इनमें से दम घुटने से कल ही 21 पशुओं की मौत हो गई थी। जबकि कई अभी भी जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं। मंगलवार को भी दो बछड़ों ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने इस मामले में 12 जनों को पशुकू्ररता एक्ट के तहत गिरफ्तार भी किया था।
सेवा में जुटी पुलिस मुक्त कराए गए पशुओं की सेवा की जिम्मेदारी भी अब सदर पुलिस के कंधों पर आ गई है। इतनी बड़ी संख्या में एक साथ मुक्त कराए गए पशुओं को रखने के लिए पुलिस ने समीप ही एक बंद पड़ी फैक्ट्री का सहारा लिया है। जहां दो शिफ्टों में पुलिसकर्मीयों की ड्यूटी लगाई गई है। जो पशुओं के चारा-पानी से लेकर उनकी सुरक्षा का ध्यान रख रहे हैं।
वहीं चिकित्सकों की टीम उनका उपचार करने के लिए मंगलवार को भी बुलाई गई। वाहनों में कू्ररता से भरकर लाए जाने के कारण कई पशुओं की हालत चिंताजनक बनी हुई है। जबकि कई पशु दर्द से कराहते और बेहोशी की अवस्था में नजर आए।
सहयोग से चला रहे काम पुलिस ने पशु मुक्त तो करा लिए लेकिन उनके लिए चारे पानी के प्रबंध के लिए पुलिस के पास कोई अलग से बजट नहीं है। ऐसे में पुलिस को भामाशाहों का सहयोग लेकर पशुओं के चारे-पानी का प्रबंध करना पड़ रहा है।
बड़ी संख्या में निकलते है वाहन शहर से होकर गुजर रहे आगरा-ग्वालियर हाइवे सहित अन्य प्रमुख मार्गों से रात-दिन बड़ी संख्या में ऐसे वाहन गुजरते हैं, जिनमें पशुओं को कू्ररतापूर्वक ठूंस-ठूंसकर भरा जाता है। सूत्रों ने बताया कि पशुओं का व्यापार करने वाले लोग सांठगांठ के जरिए सारे कायदों को ताक पर रखकर पशुओं को वाहनों में भरकर ले जाते हैं। जिन पर कभी-कभार ही कार्रवाई होती नजर आती है।
चन्द्रप्रकाश थाना प्रभारी सदर धौलपुर ने बताया कि पशुओं के चारे-पानी के प्रबंध के लिए कोई अलग से बजट नहीं मिलता।