किसी ने झुमका खरीदा तो किसी ने बिछिया सोना और चांदी के बढ़े हुए दामों के बावजूद भी खरीदारों की पसंद भी पीली और सफेद धातु रही। धनतेरस पर किसी ने अपने लिए सोना के आभूषण खरीदे तो किसी ने पूजा के लिए चांदी से बनी लक्ष्मी और गणेशी की मूर्तियां। तो कोई पायजेब और बिछिया खरीदते देखे गए। शहर में इन दिनों सोना 81 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी 1 लाख रुपए प्रति किलो के भाव हैं। लेकिन फिर भी सर्राफा बाजार में धनतेरस पर दे दना दन धन की बरसा देखी गई। उम्मीद के मुताबिक शहर भर की सर्राफा दुकानों पर 6 से 8 करोड़ रुपए का व्यापार हुआ है।
बर्तन व्यापारियों के चेहरों पर दिखी मुस्कान घनतेरस पर सबसे ज्यादा भीड़ बर्तन की दुकानों पर रही। जहां लोगों ने कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए पीतल से लेकर स्टील निर्मित बर्तनों की जमकर खरीदारी की। बर्तन व्यापारी बताते हैं कि धनतेरस पर लोग सबसे ज्यादा बर्तनों की ही खरीदारी करते हैं। इस दौरान लोगों ने पूजा की थाली से लेकर घर में प्रयोग होने वाले बड़े बर्तन खरीदे। व्यापारियों का कहना है कि इस बार धनतेरस पर खरीदारी बेहतर रही।
उम्मीद के मुताबिक ऑटो सेक्टर की बूम ऑटो सेक्टर में खरीदारी करने वाले लोग मानो धनतेरस के दिन की ही प्रतीक्षा कर रहे थे। सुबह होते ही शहर में संचालित तमाम कार और बाइक एजेंसियों पर खरीदारों की भीड़ उमडऩे लगी। और लोगों में शुभ मुहुर्त देखकर कार और बाइकें खरीदीं। कार शौरूम मैनजरों के मुताबिक धनतेरस पर लगभग 70 से 80 कारों की बुकिंग की गई थी। हालांकि धनतेरस मंगलवार को होने के कारण इनमें से आधी कारों की डिलीवरी ही हो पाई और आधी कारों की डिलीवरी बुधवार को होगी। तो वहीं 100 से 150 बाइक भी लोगों ने खरीदीं। इस सेक्टर से लगभग 9 से 10 करोड़ व्यापार होने का अनुमान रहा।
किस सेक्टर में कितने व्यापार का अनुमान ऑटो सेक्टर 8 से 10 करोड़
सर्राफा बाजार 6 से 8 करोड़
बर्तन बाजार 1 से 2 करोड़
इलेक्टॉनिक 1 से 2 करोड़
गारमेंट्स 1.5 से 2 करोड़
अन्य सामान लगभग 1 करोड़