Inhaler pump used in asthma, how it works:हम अक्सर देखते है जब किसी को अस्थमा अटैक आता है। तब वह उपचार के तौर पर इन्हेलर पंप का इस्तेमाल करते हैं। इस लेख में हम अपको बताएंगे कि इन्हेलर पंप का इस्तेमाल क्यों किया जाता है।
Inhaler pump used in asthma, how it works:इन्हेलर पंप का उपयोग अस्थमा मे क्यों किया जाता है सरल शब्दों में जाने यह किस तरह काम करता है
अस्थमा इन्हेलर पंप:
हम अक्सर देखते है जब किसी को अस्थमा अटैक आता है। तब वह उपचार के तौर पर इन्हेलर पंप का इस्तेमाल करते हैं। इस लेख में हम अपको बताएंगे कि इन्हेलर पंप का इस्तेमाल क्यों किया जाता है।
अस्थमा मैनेजमेंट:
अस्थमा फेफड़ों में होने वाला एक रोग है। जिसका अभी कोई इलाज नहीं है। अगर आप एक सही तकनीक के साथ इसका उपचार लेते हैं। तो इसे नियंत्रित करने में मदद मिलती है। और आपकी स्तिथि में सुधार हो सकता है। इनहेलर फेफड़ों तक दवाई पहुंचाने का काम करते है। और नली के इर्द गिर्द की मासपेशियों को कसने में मदद करते है। अस्थमा अटैक होने से घबराहट, खांसी ,सीने मे तकलीफ, गर्दन में कसावट और कुछ केस में तो होंठ नीले और चेहरा पीला पढ़ने लगता है। ऐसी स्तिथि में अपको पता होना जरूरी है। की इनहेलर का सही तरीके से इस्तेमाल कैसे किया जाता है।
अस्थमा में इनहेलर का काम:
एक सर्वे के अनुसार अस्थमा छोटी उम्र से लेकर बड़ी उम्र सभी तरह के लोगों को प्रभावित कर सकता है l विशेषज्ञों के अनुसार इनहेलर सिर्फ अस्थमा को नियंत्रित कर सकता है। और आगे का जीवन ठीक से निकल सके इसमें मदद करता हैं। इसमें इनहेलर कि भूमिका अहम होती है।
प्रभाव को रोकना:
अस्थमा एक बहुत ही खतरनाक रोग है। जिसकी वजह से कई ज़िंदगियां खत्म हो जाती हैं। इनहेलर अस्थमा से होने वाले दुष्प्रभाव जैसे श्वास नली में सूजन गर्दन में जकड़न गले मे सूजन आदि को नियंत्रित करता है।
लक्षणों को रोकने मे उपयोगी:
इन्हेलर के इस्तेमाल से आप अस्थमा से होने वाले लक्षणों जैसे - सांस की तकलीफ ,घबराहट , खांसी , होंटो का नीला होना , चेहरे का पीला पड़ना आदि को रोकता है। यह आपके शरीर को आराम देकर नसों और मासपेशियों को खोल देता है।और राहत प्रदान करता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।