क्या है दूरबीन विधि हिस्ट्रोस्कोपी यानी दूरबीन विधि में गर्भाशय में देखा जाता है कि क्या समस्या है। इसमें बांझपन की पड़ताल की जाती है। किस वजह से मरीज को माहवारी की समस्या हो रही है या फिर बहुत ज्यादा माहवारी आ रही है। कई बार प्रेग्नेंसी की भी समस्या होती है। इन सब समस्याओं में हिस्ट्रोस्कोपी से गर्भाशय के अंदर देखते हैं और यदि वहां पर कोई समस्या दिखाई देती है तो उनका इलाज भी करते हैं। कई बीमारियों में उपयोगी हिस्ट्रोस्कोपी से गर्भाशय के बारेे में जानकारी मिलती है। गर्भाशय की ट्यूब में रुकावट व ट्यूमर का पता लगाया जा सकता है। गर्भाशय के अंदर की जो केविटी होती है। उसमें पोलिप है या फिर बच्चेदानी की दीवारें अंदर से चिपक गई है या माहवारी की अनियमितता है या बॉयोप्सी लेनी है तो दूरबीन से देखकर लेते हैं। इसमें सर्जरी नहीं जाती है। मरीज को दर्द से बचाने के लिए एनेस्थीसिया दिया जाता है। पीसीओडी में फायदेमंद पोलेसिस्टक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओडी) किशोरियों में आम समस्या बन गई है। पीसीओडीके कारण माहवारी देर से आना या फिर अधिक आने जैसी समस्या होती है। इसके चलते उनकी ओवरी में कभी-कभी सिस्ट बन जाती है, जो इंफर्टीलिटी का कारण बनता है।