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डूंगरपुर

2016 के बाद 2022 में फिर मेहरबान हुआ मानसून

डूंगरपुर. कभी अल्प वृष्टि, तो कभी अतिवृष्टि की मार झेलते वागड़ के डूंगरपुर जिले में छह वर्ष के लम्बे इंतजार के बाद एक बार फिर मानसून मेहरबान है। मानसून सत्र के देरी से शुरू होने से काश्तकारों एवं आमजन के माथे पर ङ्क्षचता की सलवटे जम रही थी।

डूंगरपुरAug 17, 2022 / 09:33 pm

Harmesh Tailor

2016 के बाद 2022 में फिर मेहरबान हुआ मानसून

2016 के बाद 2022 में फिर मेहरबान हुआ मानसून

2016 के बाद 2022 में फिर मेहरबान हुआ मानसून

छह साल के लम्बे अंतराल के बाद औसत वर्षा की तरफ बढ़ते आंकड़े
श्रावण मास में झमाझम से जलस्त्रोतों में लौटी रौनक

डूंगरपुर. कभी अल्प वृष्टि, तो कभी अतिवृष्टि की मार झेलते वागड़ के डूंगरपुर जिले में छह वर्ष के लम्बे इंतजार के बाद एक बार फिर मानसून मेहरबान है। मानसून सत्र के देरी से शुरू होने से काश्तकारों एवं आमजन के माथे पर ङ्क्षचता की सलवटे जम रही थी। लेकिन, श्रावण मास शुरू होने के साथ ही रिमझिम फुहार से शुरू हुआ दौर अब झमाझम बारिश में तब्दील हो गया है। स्थितियां यह है कि 2016 के बाद से हर वर्ष औसत से काफी कम बारिश की मार झेलते जिले में इस वर्ष सर्वत्र बारिश हो रही है और बारिश का यहीं दौर आने वाले सप्ताह में भी जारी रहता है, तो वर्षा के आंकड़े औसत 750 मिमी के आंकड़े को पार कर सकता है। जिले में 17 अगस्त तक औसत 644 मिमी हो गई है।
जलस्त्रोतों की स्थिति
जिला मुख्यालय की पेयजल आपूर्ति का मुख्य स्त्रोत एडवर्ड समंद एवं डीमिया बांध है। इसमें से डीमिया बांध ओवरफ्लो हो गया है। वहीं, एडवर्ड समंद में लगातार पानी की आवक हो रही है। वहीं, बात जल संसाधन विभाग अंतर्गत बांधों की करें, तो छोटे-बड़े 21 बांधों में से आंकरसोल का नाका व मेवाड़ा बांध पर क्रमश: पांच एवं दस सेंटीमीटर की चादर चल रही है। वहीं, अमरपुरा एवं वारंदा बांध लबालब हो गए हैं। जिले का सबसे बड़ा सोमकमला आम्बा बांध में 12.40 मीटर के मुकाबले 12.30 मीटर जल है। गड़ाझुमजी तालाब में पानी की आवक नहीं हुई है। शेष में आवक जारी है।
रिमझिम की झड़ी
शहर सहित आसपास के क्षेत्रों में बुधवार को दिनभर रिमझिम फुहार, तो कभी हल्की तेज वर्षा का दौर बना रहा। लगातार वर्षा से जनजीवन भी प्रभावित हुआ। लेकिन, मानसून की लगातार झड़ी ने लोगों को रोमांचित किया। दिन में कभी-कभी बादलों की ओट से निकलते हुए भगवान दिनकर ने रजत किरणों की वर्षा भी की। इससे मौसम खुलता दिखा। पर, वापस से हल्की तेज झमाझम हुई। देर शाम तक वर्षा का दौर बना रहा। लगातार वर्षा से तापमान में गिरावट आई है तथा लोगों को तेज गर्मी एवं उमस से काफी हद तक राहत मिली है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार बुधवार सुबह समाप्त हुए 24 घंटों में सर्वाधिक वर्षा साबला में 115, चीखली में 99, आसपुर में 97, निठाउवा में 95, वैंजा में 55, गलियाकोट में 45, देवल में 33, सोमकमला आंबा एवं धम्बोला में 31-31, कनबा में 30, सागवाड़ा में 24, डूंगरपुर में 20 वर्षा दर्ज की गई है।
लोडेश्वर भी खाली…
सागवाड़ा. नगर सहित आसपास के गांवों में बुधवार को दिनभर कभी धीमी तो कभी तेज बारिश का दोर चलता रहा। नगर क्षेत्र के मसानिया, लोहारिया एवं गमरेश्वर तालाब में पानी की आवक हुई है तथा नगरवासियों को तालाब के भर जाने की आस जग गई है। आसपास के गांवों में अभी भी तालाबों में कम मात्रा में पानी आया है। सागवाड़ा नगर एवं आसपास के 18 गांवों में पेयजल सप्लाई लोडेश्वर बांध से की जा रही है। लोडेश्वर बांध की भराव क्षमता 8.93 मीटर के मुकाबले अभी तक मात्र 3.70 मीटर पानी का भराव हुआ है। दोवड़ा क्षेत्र में पडऩे वाले मारगिया डेम की भराव क्षमता 8.85 मीटर है तथा अभी तक 6.50 मीटर पानी आया है। मारगिया डेम के भरने तथा इस पर चादर चलने के बाद लोडेश्वर बांध तेजी से भरेगा। 3.50 मीटर भराव क्षमता वाले गड़ा झुमजी में पानी अभी भी सील लेवल से नीचे है। इसी तरह 3.20 मीटर भराव क्षमता वाले टामटिया बांध में अभी तक मात्र 0.50 मीटर पानी का भराव हुआ है। टामटिया बांध में पानी की आवक लक्ष्मण सागर बांध के भरने से होती है। क्षेत्रवासी लोडेश्वर बांध, टामटिया बांध एवं गड़ा झुमजी तालाब के भरने का इंतजार कर
रहे हैं

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