जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर आरोपी को 6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। न्यायाधीश ने इस फैसले में कहा है कि आरोपी का कृत्य ऐसा है कि प्रकरण के किसी भी बिन्दु पर नरमी नहीं बरती जा सकती है। किसी तरह का लाभ देने से समाज व देश में गलत मैसेज जाएगा। न्यायाधीश ने फैसले में आजीवन कारावास को परिभाषित करते हुए कहा है कि इसका आशय जीवन के शेष काल तक होगा।
केंद्रीय विद्यालय में पहली कक्षा में पढऩे वाली मासूम छात्रा की मां ने 29 अक्टूबर 2016 को घटना की शिकायत थाने में की थी। मां ने महिला टीआई दया कुर्रे को बताया कि उसकी बेटी स्कूल से घर पहुंचने के बाद उल्टी कर रही थी। इलाज के लिए डॉक्टर के पास ले गई। पूछताछ के बाद जो बातेंं सामने आई, वह दिल दहला देने वाली थी। मासूम का कहना था कि स्कूल का हेड मास्टर उसके साथ अप्राकिृतक कृत्य करता है। स्पोट्र्स पीरियड के समय जब सब बच्चे खेलते रहते हैं तब एचएम उसे बाथरूम में ले जाकर घिनौना कृत्य करता है।
आरोपी फूलचंद धोबी मूलत: राम लीला मैदान सुल्तानपुर, उत्तरप्रदेश निवासी है। वह कुछ वर्ष पहले ही चरोदा केंद्रीय विद्यालय में एचएम के रूप में पदस्थ हुआ था। दो माह बाद वह सेवानिवृत्त होने वाला था। सेवानिवृत्त होने के पहले ही एचएम की करतूत सार्वजनिक हुई। अतिरिक्त लोक अभियोजक फास्ट ट्रेक पुष्पारानी पाढ़ी ने बताया कि मासूम ने जो बयान पुलिस को दिया था, वही बयान न्यायालय में दिया। उसने आरोपी की पहचान भी की। परिजनों और डॉक्टरो ने भी घटना का समर्थन किया। इसे आधार बनाते हुए हमने न्यायालय से आरोपी को किसी तरह का संदेह का लाभ न देने और कठोर से कठोर सजा दिए जाने की मांग की। न्यायालय ने हमारे तर्क को सही ठहराया और फैसला सुनाया।
इस मामले में एचएम के खिलाफ अप्राकृतिक कृत्य और पॉक्सो एक्ट की धारा के तहत एफआईआर कर 30 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे न्यायालय में पेश कर जेल दाखिल कराया गया था। तब से वह जेल में ही है। जिला न्यायालय से जमानत आवेदन निरस्त होने पर आरोपी ने हाईकोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया था। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने भी जमानत आवेदन निरस्त कर दिया था। अब फैसला आया है।
इस प्रकरण में कुल 9 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया। इनमें मासूम छात्रा के परिजनों के अलावा पहली बार इलाज करने वाले डॉक्टर से लेकर मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने वाले सरकारी अस्पताल के डॉक्टर शामिल थे। सभी गवाह पूर्व में दिए गए बयान पर कायम रहे। खास बात यह है कि न्यायलय ने आरोपी को अपने बचाव में साक्ष्य प्रस्ततु करने का अवसर दिया था। एचएम ने बचाव में गवाह के रूप में केंद्रीय विद्यालय के 4 कर्मचारियों को प्रस्तुत किया। गवाहों क ा कहना था कि एचएम बच्चों को नियमित पढ़ाते हैं। उसकी छवि स्कूल में अच्छी है, लेकिन अभियोजन के एचएम के चरित्र संबंधी और स्कूल कैंपस में लगे कैमरे की उपयोगिता संबंधी सवाल पूछने पर गवाह हड़बड़ा गए। प्रतिपरीक्षण के दौरान गवाह पूरी तरह घिर गए थे।
नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ करने वाले सौतेले पिता को खुर्सीपार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटना शुक्रवार को दोपहर 2 बजे की है। परिवार के सदस्यों की रिपोर्ट के बाद बाप-बेटी के पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाले दरिंदे को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने जिस महिला से 8 साल पहले विवाह किया था, उसके पहले पति से 4 लड़कियां हैं। उसमें से बड़ी बेटी 13 साल की है। आरोपी उसके साथ ही छेड़छाड़ कर रहा था। परिजनों ने खुर्सीपार थाने में इसकी शिकायत की। पुलिस ने धारा 354, 8 सीएचएल, पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर विवेचना की। शनिवार की सुबह आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।