दस का दम

ये हैं राज कुमार के वो 10 दमदार डायलॉग्स, जिन्हें सुन उनके दुश्मन कर देते थे सरेंडर!

आज बॉलीवुड के 'जानी' यानि राजकुमार का जन्मदिन है

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नई दिल्ली। बॉलीवुड इंडस्ट्री में जब राजकुमार का नाम आता है तो सबसे ज्यादा उनके डायलॉग्स याद आते हैं। 8 अक्टूबर 1926 बलुचिस्तान में जन्मे राजकुमार 3 जुलाई 1996 को 69 वर्ष की उम्र में गले के कैंसर के चलते इस दुनिया से विदा हो गए। लेकिन उनके डायलॉग्स ने उनको अमर बना दिया। हर एक फिल्म में उन्होंने बेहतरीन डायलॉग्स कहे हैं। आज उनके बर्थ एनिवर्सरी पर पढिएं उनके दस शानदार डायलॉग्स।

1- जानी...हम तुम्हें मारेंगे और जरूर मारेंगे, पर बंदूक भी हमारी होगी और गोली भी हमारी होगी और वह वक्त भी हमारा होगा। सौदागर

2- शेर को सांप और बिच्छू काटा नहीं करते..दूर ही दूर से रेंगते हुए निकल जाते हैं। सौदागर

3- जब ख़ून टपकता है तो जम जाता है, अपना निशान छोड़ जाता है, और चीख़-चीख़कर पुकारता है कि मेरा इंतक़ाम लो, मेरा इंतक़ाम लो। इंसानियत का देवता

4- हम आंखों से सुरमा नहीं चुराते, हम आंखें ही चुरा लेते हैं। तिरंगा

5- हम तुम्हे वो मौत देंगे जो ना तो किसी कानून की किताब में लिखी होगी, और ना ही कभी किसी मुजरिम ने सोची होगी। तिरंगा

6- बिल्ली के दांत गिरे नहीं और चला शेर के मुंह में हाथ डालने. ये बद्तमीज हरकतें अपने बाप के सामने घर के आंगन में करना, सड़कों पर नहीं। बुलंदी

7- जब राजेश्वर दोस्ती निभाता है तो अफसाने लिक्खे जाते हैं और जब दुश्मनी करता है तो तारीख़ बन जाती है। सौदागर

8- हम अपने कदमों की आहट से हवा का रुख़ बदल देते हैं। बेताज बादशाह

9- घर का पालतू कुत्ता भी जब कुर्सी पर बैठ जाता है तो उसे उठा दिया जाता है. इसलिए क्योंकि कुर्सी उसके बैठने की जगह नहीं. सत्य सिंह की भी यही मिसाल है. आप साहेबान ज़रा इंतजार कीजिए। गॉड एंड गन

10- बच्चे बहादुर सिंह, कृष्ण प्रसाद मौत की डायरी में एक बार जिसका नाम लिख देता है, उसे यमराज भी नहीं मिटा सकता। जंग बाज़

Published on:
08 Oct 2019 02:25 pm
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