25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

लेदर असली है या नकली इन 10 तरीकों से करें पहचान

सालों-साल रखे रहने के बावजूद असली लेदर में नहीं आता है कोई बदलाव

3 min read
Google source verification
leather

पुराने जमाने से लेकर मॉर्डन—एरा तक हर जमाने के लोगों की पहली पसंद है लेदर आइट्मस। आज भी ज्यादातर लोगों को प्योर चमड़े से बना पर्स, बेल्ट, बैग आदि रखना अच्छा लगता है, लेकिन आजकल बाजार में मिलने वाले नकली चमड़े के चलते असली—नकली में फर्क करना बहुत मुश्किल हो गया है। आज हम आपको लेदर को पहचानने के 10 ट्रिक्स बताएंगे।

leather

असली और नकली लेदर में फर्क करने का सबसे अच्छा तरीका है इस पर पिन से छेद करके देखना। इससे असली चमड़ा नहीं कटेगा। साथ ही कुछ देर बाद पिन का निशान अपने आप गायब हो जाएगा। जबकि नकली लेदर की परत कट जाएगी।

leather

असली—नकली चमड़े को पहचानने का दूसरा आसान तरीका है उसे दबाकर या खींचकर देखना। अगर चमड़ा असली है तो इसमें सिकुड़न और खिंचाव नजर आएगा और अगर नकली है तो इस पर कोई फर्क नहीं दिखेगा।

leather

असली लेदर की पहचान के लिए उसकी सिलाई देखना बहुत जरूरी होता है। चूंकि असली लेदर का पिछला हिस्सा बहुत खुरदुरा होता है और उसमें रेशे निकले होते हैं इसलिए इसमें सिलाई पास की जाती है। जबकि नकली लेदर के पीछे का हिस्सा भी चिकना रहता है।

leather

असली—नकली लेदर की एक और बड़ी पहचान है कि असली चमड़े में बहुत छोटे-छोटे छेद होते हैं। ये बिल्कुल शरीर के रोमछिद्र जैसे दिखते हैं। वहीं नकली लेदर में छेद की जगह डिजाइन बनी होती है।

leather

असली लेदर कभी भी ज्यादा चमकदार नहीं होता है। इसका ऊपरी भाग थोड़ा मुलायम होता है मगर चमक नहीं होती। जबकि असली लेदर में काफी शाइनिंग होती है।

leather

चमड़े की खासियत उसका टिकाऊ होना होता है। इसलिए असली लेदर सालों—साल तक खराब नहीं होता है। न ही इसमें सिलवटें पड़ती है और न ही ये गलता है। जबकि नकली चमड़े में थोड़ा रैक्सीन मिला होात है। जो ज्यादा समय तक नहीं चलता है।

leather

असली—नकली लेदर का पता इसे जलाकर भी लगाया जा सकता है। अगर चमड़ा असली होगा ते वो आसानी से नहीं जलेगा और बहुत देर तक जलाने की कोशिश करने पर इसमें से अजीब सी बदबू आने लगेगी। जबकि नकली लेदर तुरंत आग पकड़ लेगा।

leather

असली चमड़े की एक और पहचान होती है कि उसका स्वरूप एक जैसा नहीं रहता है। इसकी कुछ सतह मुलायम व कुछ खुरदुरी होती है। इसलिए आप लेदर के सामानों को छूकर इसका पता लगा सकते हैं।

leather

चूंकि असली चमड़ा जानवरों की खाल से बना होता है इसलिए इनकी सतहत कहीं से मोटी व कहीं से पतली होती है। इसे 10 साल तक रखने से भी इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं आता है।