नई दिल्ली। साल 2004 में आई सुनामी को शायद ही कोई भूल पाया होगा। इससे लगभग ढ़ाई लाख लोगों की जिंदगी तबाह हो गई थी। पूरी दुनिया को हिलाकर रख देने वाली ये घटना दोबारा दस्तक दे सकती है। इस बात का खुलासा वैज्ञानिकों ने किया है। उनके मुताबिक इस बार भूकंप की तीव्रता से धरती का अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है। तो क्या है तबाही की वजह आइए जानते हैं।
1.नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक धरती की घूर्णन गति कम होने से धरती पर भूकंप की घटनाएं बढ़ने का अंदेशा बढ़ गया है। 2.एक अध्ययन में पाया था कि धरती पर दिशा की जानकारी देने वाला मैग्ननेटिक नॉर्थ पोल (चुंबकीय उत्तरी ध्रुव) भी अपनी स्थिति बदल रहा है। जिससे धरती के वजूद के लिए संकट पैदा हो गया है।
3.वैज्ञानिकों के मुताबिक पृथ्वी में चुंबकीय क्षेत्र समाप्त होने की आशंका है। इससे गुरुत्वाकर्षण खत्म हो जाएगा। ऐसे में धरती पर इंसान समेत सारी चीजें हवा में तैरने लगेंगी। 4.वैज्ञानिकों की गणना के अनुसार साल 2036 तक पृथ्वी में एक परमाणु विस्फोट जैसा विध्वंस होगा, जिससे नाभिकीय व अन्य प्रकार के प्राण घातक विकिरण फैल जाएंगे।
5.भयंकर विस्फोट से समुद्र के पानी में उछाल आएगा। जिससे बाढ़ की स्थिति पैदा होगी। ऐसे में पृथ्वी पर आधे साल दिन और आधे साल रात रहेगी। 6.इस दौरान हवा का रूख भी सामान्य से बढ़कर काफी तेज हो जाएगा। इतनी तेज रफ्तार हवा से रास्ते में आने वाली हर चीज ध्वस्त हो जाएगी।
8.धरती के धीरे घूमने की वजह से चंद्रमा भी पृथ्वी से धीरे धीरे दूर होता जा रहा है। इससे वातावरण का संतुलन बिगड़ेगा। 9.वैज्ञानिकों के अध्ययन के मुताबिक धरती के अपनी धुरी से हटने की वजह से जलस्तर बढ़ेगा। इससे दुनिया में बाढ़ का खतरा बढ़ेगा।
10.एक रिसर्च के अनुसार सन् 1900 के बाद से अधिक तीव्रता वाले भूकंपों की संख्या बढ़ी है। 20वीं सदी के अंतिम के पांच वर्षों में पृथ्वी की घूर्णन गति में थोड़ी और कमी आई तो भूकंपों की तादाद और बढ़ेगी।
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