
नई दिल्ली। देश के जन्नत कश्मीर पर हमेशा आतंक का साया मंडराता रहता है। तभी घाटी में अमन कायम रखने के लिए सुरक्षा बल के जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है। घाटी में अचानक से दस हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती का ये फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ( Ajit Doval ) के जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे से लौटने के बाद लिया गया। अजीत डोभाल का सुरक्षा के प्रति ऐसे सतर्क होना भविष्य के कई खतरों की ओर इशारा कर रही है।
1.गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए ऑर्डर में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की वजह जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था को ठीक रखना बताया गया है। जबकि जानकारों के मुताबिक ये फैसला घाटी में आतंकी हमलों की आशंका को देखते हुए लिया गया है।
2.साल 2019 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने वादी में अशांति का महौल बना दिया था। इस बीच सीआरपीएफ के 40 जवान भी शहीद हो गए थे। भविष्य में इन खतरों से बचने के लिए अजीत डोभाल की ओर से सुरक्षा बलों की तैनाती का फैसला लिए जाने की बात सामने आ रही है।
3.अमरनाथ यात्रा के चलते भी जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले की आशंका थी। इसी वजह से जम्मू-कश्मीर में 40 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई थी। सरकार का मकसद अमरनाथ यात्रा को सफल बनााना है।
4.अजीत डोभाल ने सर्जिकल स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और पाकिस्तान को उसकी हद याद दिलाई थी। आतंक के उन्हीं रहनुमाओं को चेतावनी देने के मकसद से भी जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। माना जा रहा है कि डोभाल के नेतृत्व में सेना आतंकियों को मुंह तोड़ जवाब देने को तैयार है।
5.जानकारों के मुताबिक अजीत डोभाल को आतंकियों के नापाक मंसूबों की भनक है। तभी उन पर जान का खतरा बना हुआ है। उन्हें विशेष सिक्योरिटी भी दी गई है। ऐसे में डोभाल आतंकियों के इरादों को कामयाब न होने देने के लिए घाटी की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर रहे हैं।
6.नरेंद्र मोदी के दोबारा सत्ता में आने के बाद डोभाल की जिम्मेदारी बढ़ गई है। उन पर देश की सुरक्षा का दारोमदार है। ऐसे में वो पीएम मोदी की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए भी जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
7.अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल को भी जान का खतरा है। इसी के चलते कुछ महीने पहले उन्हें 'जेड' श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। माना जा रहा है कि अजीत और उनके बेटे आतंकियों के टारगेट प्वाइंट पर है। चूंकि जम्मू-कश्मीर एक संवेदनशील जगह है ऐसे में आतंकी संगठन वहां दोबारा हमला कर सकते हैं। इसी के चलते घाटी में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई गई है।
8.लोकसभा चुनाव के दौरान आतंकी हावी न हो इसके लिए इस साल 24 फरवरी को 100 पैरामिलिट्री फोर्स को घाटी में तैनात किया गया था।
9.जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजी दिलबाग सिंह के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के महौल को देखते हुए ज्यादा सैनिकों के तैनाती की जरूरत थी। इसी के चलते वे उत्तरी कश्मीर में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की मांग कर रहे थे।
10.आतंकियों को सबक सिखाने के लिए इस बार खास तरह से सैनिकों की तैनाती की जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक न हो इसके लिए अलग-अलग हिस्सों से जवान चुने जा रहे हैं।
Updated on:
27 Jul 2019 01:22 pm
Published on:
27 Jul 2019 01:19 pm
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