
आजकल के इस प्रतिस्पर्धा के दौर में हर कोई एक—दूसरे से आगे निकलना चाहता है। इसी के चलते लोगों में ईष्या का भाव बढ़ता जा रहा है। वे खुद की आत्म—संतुष्टि के लिए दूसरों को नीचा दिखाना चाहते हैं। इसके लिए वे जादू—टोने का भी सहारा ले रहे हैं, लेकिन इन सबसे बचने के लिए हम आपको एक ऐसे शक्तिशाली मंत्र के बारे में बताएंगे जिससे इसका असर तुरंत खत्म हो जाता है।

जादू—टोने के असर को खत्म करने के लिए शाबर मंत्र बहुत प्रभावशाली होता है। ये सभी तरह की बुरी बलाओं से सुरक्षित रखने का सबसे बेहतरीन जरिया है। इसकी खास बात यह है कि ये दूसरे मंत्रों की तरह परंपरागत नहीं है, इसे आम बोलचाल की भाषा में भी पढ़ा जा सकता है।

इस मंत्र को पढ़ने के लिए व्यक्ति को किसी खास तरह की सिद्धि की आवश्यकता नहीं होती है। इसे कोई भी पढ़ सकता है। हालांकि इसका प्रयोग सही उद्देश्य के लिए ही करना चाहिए वरना इसका असर नहीं होता है।

इस मंत्र के तहत भगवान शिव का आवाहन किया जाता है। इसमें भोलेनाथ का शक्तिशाली स्वरूप देखने को मिलता है। वे अपनी शक्तियों से नकरात्मकता का नाश करते हैं। नियमित तौर पर इस मंत्र को पढ़ने वालों को कभी कोई मुसीबत छू भी नहीं सकती है।

शाबर मंत्र एक गुप्त विद्या है। इसे अकेले में ही पढ़ना चाहिए। इस मंत्र की साधना के दौरान व्यक्ति को शांति का एहसास होता है। ऐसे में व्यक्ति परमात्मा से ठीक तरीके से जुड़ पाता है। इससे व्यक्ति की इंद्रीयां भी सक्रिय हो जाती हैं।

ये मंत्र टोने—टोटके के असर को तुरंत खत्म कर देता है। इसे नियमित तौर पर पढ़ने वालों पर कभी कोई मुसीबत नहीं आती है। अगर कोई व्यक्ति अनजाने में भी आपका बुरा करने की सोचता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं।

ये मंत्र इतना ज्यादा प्रभावशाली है कि इसे जपने से व्यक्ति के हर कार्य पूरे हो जाते हैं। उसे जो चाहिए वो मिलता है। इससे व्यक्ति की तरक्की भी होती है और शत्रुओं का नाश होता है। इसे पढ़ने वालों को दूसरों की बुरी नजर भी नहीं लगती है।

ये मंत्र हर जादुई मंत्र का काट है। इसे पढ़ने से व्यक्ति की मदद स्वयं भगवान करते हैं। क्योंकि इस मंत्र को जपने के दौरान अपने पसंदीदा भगवान का आवाहन किया जाता है। इसलिए ये मंत्र तुरंत असर दिखाने वाला होता है।

शाबर मंत्र कई तरह के होते हैं, जैसे—हनुमान शाबर मंत्र, शिव शाबर मंत्र आदि। सबके जप का नियम अलग है। यदि आप बजरंगबली के शाबर मंत्र का जाप करने जा रहे हैं तो इसकी शुरूआत मंगलवार या शनिवार से शुरू करें। इस मंत्र का जप लाल वस्त्र पहन कर करें। जबकि भोलेनाथ के शाबर मंत्र के लिए सोमवार का दिन अच्छा रहता है।

शाबर मंत्र के मूल प्रवर्तक शिव जी हैं। उन्होंने ये मंत्र माता पार्वती को सुनाया था। इसके बाद बाबा गोरखनाथ और गुरु मछन्दर नाथ ने इस मंत्र का विस्तार किया। उन्होंने इसे नया रूप देकर इसको लोगों तक पहुंचाया।