
देश की जानी—मानी ई—कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट अब अमेरिकी कंपनी वालमार्ट की होने वाली है। उसने कंपनी के आधे से ज्यादा शेयर खरीद लिए है। ई—कॉमर्स के क्षेत्र में अब तक फ्लिपकार्ट का सफर शानदार रहा है। इसकी शुरुआत सन् 2007 में हुई थी। इसे दो दोस्तों ने मिलकर शुरू किया था।

इस कंपनी की स्थापना सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने की थी। दोनों जिगरी दोस्त हैं। इनकी मुलाकात एक जगह नौकरी के वक्त हुई थी। दोनों के मन में खुद का कुछ करने की चाह थी तो इन्होंने अपना पैसा लगाकर 11 साल पहले फ्लिपकार्ट कंपनी की शुरुआत की थी।

ये दोनों दोस्त अमेजन नामक कंपनी में काम करते थे। वहीं से उन्होंने बिजनेस के गुर सीखे। जिसे बाद में उन्होंने और विकसित करके अपनी कंपनी खोल ली। उन्होंने फ्लिपकार्ट की शुरुआत बेंगलुरु से की थी।

सचिन और बिन्नी ने फ्लिपकार्ट को पहले एक आॅनलाइन बुक स्टोर के तौर पर शुरू किया था। जो बाद में धीरे—धीरे सारे सेक्शन्स को अपने वेबसाइट पर शामिल करती गई। अब इसमें साबुन—तेल से लेकर एसी, वॉशिंगमशीन आदि सामान मिलते हैं।

फ्लिपकार्ट कंपनी की स्थापना के बाद इसका पहला साल बहुत निराशाजनक था। कंपनी को पहले साल महज 20 आॅर्डर ही मिले थे, लेकिन सचिन और बिन्नी की मेहनत ने कंपनी को एक अलग मुकाम पर पहुंचा दिया।

सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ते हुए फ्लिपकार्ट ने कई रिकॉर्ड तोड़े। खासतौर पर कंपनी ने एक दिन में करीब 100 मिलियन यूजर्स के रजिस्टर्ड होने का आंकडा पार किया था। इसके अलावा कंपनी ने एक दिन में 1400 करोड़ की सेल भी की थी।

चूंकि सचिन और बिन्नी चंडीगढ़ के रहने वाले हैं, इसलिए यहां से उनका खास लगाव है। कंपनी की बड़ी सफलता को सेलिब्रेट करने के लिए भी उन्होंने इसी शहर को चुना। यहां वे लोगों को शुक्रिया कहने आए थे। इसके अलावा उन्होंने यहां लोगों के घर—घर जाकर उनके सामान की डिलीवरी भी की।

कंपनी की नींव रखने वाले सचिन ने चंडीगढ़ के सेक्टर 32 स्थित सेंट ऐंस स्कूल से प्राप्त की थी। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली आईआईटी से इंजीनियरिंग भी की। बिन्नी भी आईटी के स्टूडेंट रहे हैं। सचिन और बिन्नी पहले अमेजन कंपनी में साथ काम करते थे।

फ्लिपकार्ट कंपनी की शुरुआत के लिए दोनों दोस्तों ने अपने दो—दो लाख रुपए इंनवेस्ट किए थे। इस बात की पुष्टि खुद सचिन के पिता सत्यप्रकाश अग्रवाल ने की है। उनके मुताबिक दोनों मित्रों ने अपनी जमापूंजी इस कंपनी में लगाई थी।

सचिन को फ्लिपकार्ट कंपनी से बहुत शोहरत मिली है, लेकिन अगर वो इसकी स्थापना नहीं करते तो वे एक प्रोफेशनल गेमर होते हैं। उन्हें गेम डिजाइन करने का भी बहुत शौक है।