
नई दिल्ली। सावन माह में पड़ने वाली एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं। तो क्या हैं व्रत के नियम और किन तरीकों से करें भगवान को प्रसन्न आइए जानते हैं।
1.किसी भी एकादशी में चावल नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इसे व्रत में वर्जित माना जाता है। पंडित हरिओम द्विवेदी के अनुसार कामिका एकादशी के दिन चावल का त्याग करें और तीन दिनों तक इसे न खाएं। ऐसा करने से व्रत का दोगुना फल मिलता है।
2.कामिका एकादशी के व्रत में लहसुन, प्याज और मसूर की दाल भी नहीं खानी चाहिए। क्योंकि इन्हें तामसिक प्रवत्ति का माना जाता है।
3.कामिका एकादशी का व्रत रखने वालों को स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए। इसके बाद विष्णु भगवान का स्मरण करना चाहिए। अगर रात में जागरण किया जाए और विष्णु जी की कथा पढ़ी जाए तो भगवान प्रसन्न होते हैं।
4.कामिका एकादशी व्रत की शुरुआत दशमी तिथि से होती है। जो द्वादशी तक चलती है। इसमें एकादशी के दिन पूर्ण व्रत रखना चाहिए।
5.कामिका एकादशी के दिन भूलकर भी दातून का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इस दिन पेड़ पौधों को नहीं तोड़ना चाहिए।
6.कामिका एकादशी व्रत के दिन ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का 108 बार जाप करना अच्छा माना जाता है। इससे व्यक्ति को भाग्य का साथ मिलता है और उसके सभी काम बनने लगते हैं।
7.इस व्रत में विष्णु जी के अष्टधातु की मूर्ति की पूजा करना शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख—शांति का वास होता है।
8.कामिका एकादशी के दिन विष्णु जी को पान, सुपारी, लौंग, नारियल और पीले रंग की मिठाई चढ़ानी चाहिए। इससे ईश्वर प्रसन्न होते हैं।
9.भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए आज के दिन ब्रााम्हण को भोजन कराना चाहिए। साथ ही द्वादशी यानि व्रत के पारण के दिन किसी मंदिर में अन्न और दक्षिणा भेंट करनी चाहिए।
10.कामदा एकादशी के दिन हल्दी की जड़ धारण करने से विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है। इससे बिगड़े हुए काम बनने लगते हैं।
Updated on:
28 Jul 2019 04:18 pm
Published on:
28 Jul 2019 04:17 pm
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