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एक ही दिन पड़ रहे हैं गुरू पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण, सूतक काल शुरू होने से पहले ही कर लें ये 10 काम

guru purnima upay : 16 जुलाई की शाम साढ़े चार बजे से शुरू होगा सूतक काल गुरू पूर्णिमा पर स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजे से है

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guru purnima 2019

एक ही दिन पड़ रहे हैं गुरू पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण, सूतक काल शुरू होने से पहले ही कर लें ये 10 काम

नई दिल्ली। इस बार 16 जुलाई का दिन बहुत खास होने वाला है। क्योंकि गुरू पूर्णिमा ( guru purnima ) और चंद्र ग्रहण ( lunar eclipse ) दोनों एक ही दिन पड़ रहे हैं। ऐसे में पूर्णिमा पर की जाने वाली पूजा का शुभ मुहूर्त कल दोपहर तक ही रहेगा। ऐसे में सूतक काल शुरू होने से पहले कुछ कार्यों को पहले कर लेना ही बेहतर होगा।

1.16 जुलाई को पड़ने वाले चंद्र ग्रहण की शुरुआत रात 1:31 बजे से होगी। जो कि भोर 4.30 बजे तक रहेगी। वहीं सूतक काल की शुरुआत शाम साढ़े चार बजे से होगी। ऐसे में गुरू पूर्णिमा की पूजा इससे पहले कर लेनी होगी, वरना पूजन का फल नहीं मिलेगा।

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2.चंद्र ग्रहण के शुरू होने से पहले भगवान को ढक दें। साथ ही गंगाजल छिड़ककर रखें। ऐसा करने से भगवान पर ग्रहण की छाया नहीं पड़ेगी।

3.गुरू पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। इससे व्यक्ति के सभी काम बनने लगते हैं। चूंकि इस दिन चंद्र ग्रहण भी है ऐसे में दान देने का काम सुबह स्नान के बाद करें।

4.जो लोग कार्यों में सफलता चाहते हैं उन्हें सूतक काल शुरू होने से पहले गुड़ और चावल का दान करना चाहिए।

5.गुरू पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में डुबकी लगाने से व्यक्ति के पाप भी धुलते हैं। इसलिए सुबह 6 बजे से लेकर 11 बजे तक स्नान करने का शुभ मुहूर्त है।

6.ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है। इसलिए सूतक काल शुरू होने से पहले ही पूजा करके भोजन कर लें।

7.अगर खाना या प्रसाद बच जाए तो उसमें तुलसी के पत्ते डालकर रखें। इससे भोजन अशुद्ध नहीं होगा।

8.पंडित रवि दुबे के अनुसार गुरु पूर्णिमा पर दोपहर 1:30 से 4:00 बजे तक राहुकाल भी चलेगा। ऐसे में गुरू की पूजा और कुल देवता के दर्शन पहले ही कर लें।

9.गुरू पूर्णिमा के दिन बहुत से लोग घरों में महाभारत और गीता पुराण की पूजा करते हैं। साथ ही इसे भगवान के सामने रखते हैं। मगर सूतक काल में इसे ऐसे रखने से ये अशुद्ध हो सकते हैं। ऐसे में सुबह पूजन के बाद इन्हें लाल कपड़े में लपेटकर रख दें।

10.सूतक काल में किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए और न ही सोना चाहिए। ग्रहण के बाद अन्न का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होगी।