
हर व्यक्ति को एक दिन ये दुनिया छोड़कर जाना पड़ता है। तब भी लोगों को मरने से डर लगता है। मगर मृत्यु एक शाश्वत सच है। इसके तहत बॉडी धीरे—धीरे निष्क्रिय होने लगता है। मरने 30 सेकंड एक—एक अंग काम करना बंद कर देते हैं। वहीं याददाश्त भी जाने लगती है। मरने से पहले घटित होने वाली कुछ दिलचस्प चीजें इस प्रकार हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार मरने से पहले शरीर निष्क्रिय होने लगता है। धीरे—धीरे शरीर के अंग काम करना बंद करने लगते हैं। इस बीच सबसे आखिरी में सुनने की क्षमता खत्म होती है, यानि कान सबसे अंत में निष्क्रिय होते हैं।

इंसान का शरीर भी एक कम्पयूटर की तरह काम करता है। इसलिए मरने से पहले शरीर शट डाउन होने लगता है। बॉडी से प्राण निकलने से 30 सेकंड पहले तक सारे अंग निष्क्रिय हो जाते हैं। जिससे व्यक्ति को मौत का दर्द नहीं होता है।


उस दौरान व्यक्ति पश्चाताप करना चाहता है। वो चाहता है कि उसने जीवन में जिस किसी को भी दुख दिया हो वो उसके पास हो, जिससे वो उससे माफी मांग सके। ऐसे समय में व्यक्ति अपने साथ एक बोझ लेकर नहीं मरना चाहता है।

पुरानी यादों को याद करने के बाद दिमाग से वो सारी बातें किसी कप्यूटर के प्रोग्रामिंग में पड़ी फाइल की तरह एक—एक करके डिलीट होती जाती है। उस समय एक ऐसी स्टेज आती है जब इंसान का दिमाग बिल्कुल खाली हो जाता है और उसके मस्तिष्क में फीड सारी बातें गायब हो जाती हैं।

मरते समय जब सारे अंग काम करना बंद कर देते हैं और यादों का बॉक्स खाली हो जाता है तब दिमाग खुद को स्विच आॅफ कर देता है। इसके साथ ही व्यक्ति की मौत हो जाती है। शरीर से आत्मा के बाहर निकलने के लिए 11 रास्ते होते हैं। ज्यादातर लोगों की आत्मा मुख एवं मस्तिष्क से निकलती है।

मरते समय मन में एक आध्यात्म का भाव भी उत्पन्न होता है। उसके तहत व्यक्ति को ऐसा लगता है कि अब वो सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर परमात्मा में लीन हो रहा है। उसे लगता है कि धरती पर जन्म लेने के बाद तब से लेकर अब तक किए गए उसके कार्य के परिणाम का आज अंत हुआ है। जिससे उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी।

वैज्ञानिकों एवं धर्म ग्रंथों के अनुसार जब व्यक्ति के शरीर से आत्मा बाहर निकलती है तो ऐसा लगता है कि वो किसी सुरंग का रास्ता पार करते हुए किसी दूसरे युग में पहुंच जाती है। आत्मा के इसी चक्र को भूत,भविष्य और वर्तमान कहते हैं।