भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उन्हें धतूरा चढ़ाया जाता है। मगर इसके जहरीले होने की वजह से लोग इससे दूर रहना ही पसंद करते हैं, मगर क्या आपको पता है शिव जी की ये प्रिय चीज वास्तव में फायदेमंद भी है। खासतौर पर पुरुषों के लिए तो ये किसी वरदान से कम नहीं है। ये कई तरह की बीमारियों से निजात दिलाने में कारगर है।
गलत खानपान के चलते बॉडी कमजोर होती जा रही है। ऐसे में पुरुषों को छिलके उतरे हुए धतूरे के बीज को लौंग के साथ मिलाकर खाने से फायदा होगा। इसे बनाने के लिए दोनों चीजों को मिलाकर छोटी गोलियां बना लें। अब रोज सुबह इसकी एक गोली खा लें। इससे शारीरिक क्षमता में वृद्धि होगी, साथ ही पूरे दिन स्फूर्ति भी रहेगी।
पॉल्यूशन और मिलावटी खानपान के चलते आजकल आधी उम्र में ही लड़कों के बाल गायब हो जाते हैं। गंजेपन से छुटकारा पाने के लिए भी धतूरे का उपाय बहुत कारगर है। इसे इस्तेमाल करने के लिए आधा लीटर सरसों के तेल में ढ़ाई सौ ग्राम धतूरे के पत्तों का रस मिलाकर पका लें। जब इसकी मात्रा थोड़ी कम हो जाए तो इसे ठंडा करके किसी बोतल में भर लें। अब इस तेल को रोज सिर पर लगाएं।
अनियमित दिनचर्या की वजह से लोगों के बाल भी तेजी से सफेद हो रहे हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आधा लीटर तिल के तेल में ढ़ाई सौ ग्राम धतूरे के पत्तों का रस मिलाकर पका लें। इस तेल को रोजाना व एक दिन छोड़कर लगाने से एक सप्ताह में ही बाल काले होने लगेंगे। इससे डैंड्रफ भी दूर होगा।
धतूरे का प्रयोग जोड़ों का दर्द से राहत दिलाने में मददगार है। इसके इस्तेमाल के लिए तिल के तेल और धतूरे के पत्ते से बने रस से रोजाना हाथ-पैर की मालिश करने से जोड़ों और गठिया रोग से छुटकारा मिलता है।
धतूरे से बवासीर की समस्या से भी निजात पाया जा सकता है। इसके लिए धतूरे के फूल और पत्तों को जलाकर इसके धुएं से बवासीर के मस्सों की सिकाई करने से दर्द में आराम मिलता है। इससे प्रभावित स्थान पर हुए घाव में पनपने वाले बैक्टीरिया से भी बचाता है।
अगर किसी महिला को गर्भधारण करने में समस्या आ रही है तो धतूरे के फलों का चूर्ण बनाकर इसे 2.5 ग्राम की मात्रा में बनाकर रख लें। अब आधा चम्मच गाय के घी और शहद में धतूरे की थोड़ी—सी मात्रा मिलाकर स्त्री को चटाएं। ऐसा करने से गर्भधारण में मदद मिलेगी। हालांकि इसके इस्तेमाल के लिए चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
अगर किसी को बुखार, सर्दी-जुकाम व कफ हो तो उसे धतूरे के बीज का रख दें। इसे बनाने के लिए धतूरे के बीज की करीब 125 से 250 मिलीग्राम मात्रा लें। अब इसे जला लें। जलने के बाद इसकी बची हुई राख को रोगी को दें। ऐसा दिन में दो बार करने से बुखार कम हो जाएगा।
कहते हैं जहर ही जहर को काटता है इसीलिए बिच्छू के काटने पर धतूरे के पत्तों को पीसकर इसे प्रभावित स्थान पर लगाने से लाभ होता है। ये बिच्छू के जहर को बेअसर कर देता है। साथ ही ये जहर को शरीर के बाकी हिस्सों में फैलने नहीं देता है।
अगर मसल्स खिंच गए हैं या किसी अन्य कारण से शरीर में सूजन आ गई है तो इससे छुटकारा पाने के लिए धतूरे की जड़ को गोमूत्र के साथ पीस लें। अब इस मिश्रण को गर्म कर लें। अब सूजन वाली जगह पर इस लेप को गर्म अवस्था में ही लगाएं। ऐसा करने से सूजन जल्द ही कम हो जाएगी।