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बजरंगबली की मर्जी के बिना नहीं बन सकता ये मंदिर, निर्माण में हमेशा आती है दिक्कतें

उत्तर प्रदेश के निगोहा जिले में है हनुमान जी का ये चमत्कारिक मंदिर, यहां उनकी मूर्ति गोबर से बनी हुई है

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hanuman temple

बजरंगबली की मर्जी के बिना नहीं बन सकता ये मंदिर, निर्माण में हमेशा आती है दिक्कतें

नई दिल्ली। कहते हैं जब तक भगवान की मर्जी न हो तब तक एक तिनका भी इधर का उधर नहीं किया जा सकता है। ये बात निगोहा में बनें बजरंगबली के एक मंदिर के लिए बिल्कुल सही साबित होती है। क्योंकि इस मंदिर में जब भी निर्माण कार्य होता है इसमें कई दिक्कतें आती हैं, तो क्या है मंदिर की खासियत आइए जानते हैं।

1.बजरंगबली का ये मंदिर उत्तर प्रदेश के निगोहा जिले में स्थित है। ये मंदिर देखने में भले ही बहुत आम हो, लेकिन यहां होने वाले चमत्कारों के किस्से कम नहीं हैं।

2.स्थानीय लोगों के अनुसार इस मंदिर का जब जीर्णोद्धार कराया जाता है तब-तब कोई न कोई रुकावट जरूर आती हैं। उनके मुताबिक बजरंगबली की इच्छा के बिना ये कार्य पूरा नहीं हो सकता है।

3.बताया जाता है इस मंदिर के पुन:निर्माण के लिए साल 2012 में जेसीबी मशीन से खुदाई का काम किया जाना था, लेकिन जब भी मशीन को चालू किया जाता तो वो बंद हो जाती। ऐसे ही दो बार और भी कोशिश की गई, लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं किया जा सका।

4.मान्यता है कि ये मंदिर करीब 300 साल पुराना है और यहां की खास बात यह है कि इस मंदिर में बजरंगबली की मूर्ति गोबर और मिट्टी से बनी हुई है।

5.मंदिर प्रांगण में ही एक शिवालय भी हैै। मंदिर समेत इसकी भी हालत काफी जर्जर स्थिति में है। इसके पुर्ननिर्माण के लिए पिछले चार सालों से कोशिश की जा रही है, लेकिन किसी को सफलता नहीं मिल पाई है।

6.मंदिर के साधुओं के मुताबिक मंदिर निर्माण में आ रही बाधा का कारण यहां मौजूद 4 साधुओं की समाधि का होना है। इसमें पहली समाधि बाबा जगन्नाथ दास की है, जिन्होंने 1835 में अपना शरीर छोड़ा था।

7.नागा साधुओं के मुताबिक यदि समाधि और साधना स्थल अलग-अलग कर निर्माण कराया जाए तो समस्या नहीं होगी। इससे कार्य नहीं अटकेगा और मंदिर का कायाकल्प भी हो जाएगा।

8.इस मंदिर के अत्यन्त प्राचीन होने की वजह से इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार यहां जो भी व्यक्ति माथा टेक लेता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यदि किसी पर कोई संकट आने वाला होता है तो यहां बजरंगबली और भोलेनाथ के दर्शन से वो टल जाता है। लोगों की यहां मन्नते भी पूरी होती हैं।

9.मंदिर में प्रत्येक मंगलवार सुंदरकांड का पाठ किया जाता है। इसके अलावा हनुमान जी की मूर्ति का चमेली के तेल और सिंदूर से अभिषेक किया जाता है।

10.कहते हैं कि गाय की पूंछ में हनुमान जी का वास होता है इसलिए इस मंदिर में स्थापित प्रतिमा इसी के जरिए बनी हुई है। ये शुद्ध होने के साथ बहुत प्रभावशाली भी है।