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यहां देवी के रूप में विराजमान हैं बजरंगबली, 10 हजार साल पहले नदी से निकली थी ये अनोखी मूर्ति

बजरंगबली का ये मंदिर रतनपुर में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण राजा पृथ्वी देवजू ने कराया था

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नई दिल्ली। यूं तो बजरंबली को श्रीराम के परम भक्त और पूर्ण ब्रम्हचारी के रूप में जाना जाता है। मगर हनुमान जी का एक ऐसा भी मंदिर है जहां वो नारी के रूप में विराजमान है। दरअसल ये अनोखा मंदिर बिलासपुर से 25 कि. मी. दूर रतनपुर नामक जगह में स्थित है।

1.रतनपुर में बना बजरंगबली का ये मंदिर देश का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां वो एक स्त्री के रूप में पूजे जाते हैं। माना जाता है कि जो भी भक्त हनुमान जी के इस स्वरूप के दर्शन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

2.ये मंदिर लगभग दस हजार साल पुराना है। इसका निर्माण रतनपुर के राजा पृथ्वी देवजू ने कराया था। बताया जाता है कि राजा को कुष्ठ रोग था। वो इन सबसे परेशान था। तभी एक दिन स्वप्न में हनुमान जी ने दर्शन देकर अपने होने का एहसास दिलाया।

3.हनुमान जी का सपने में दर्शन पाकर राजा प्रसन्न हो गए। उन्होंने भगवान की आज्ञा मानकर पास की नदी में हनुमान जी मूर्ति खोजी। इसके बाद उन्होंने एक मंदिर का निर्माण कराकर इसमें वो अनोखी मूर्ति स्थापित की।

4.बताया जाता है कि जिस वक्त राजा को हनुमान जी की ये मूर्ति मिली तब उससे तेज प्रकाश निकल रहा था। साथ हनुमान जी का ये स्वरूप बहुत मनमोहक था।

5.हनुमान जी के ये मूर्ति काफी खास है। इसमें वो स्त्राी के रूप में हैं। साथ ही उनका मुख दक्षिामुखी है। इसके अलावा उनके एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में लड्डुओं से भरी थाली है।

6.कहा जाता है कि नदी से मिली हनुमान जी ये मूर्ति ठीक वैसी ही है जैसी राजा ने अपने स्वप्न में देखी थी।

7.हनुमान जी की महिमा से प्रभावित होकर राजा ने मंदिर के पास एक तालाब भी बनवाया। जिसका नाम उन्होंने गिरजाबंद रखा।

9.पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा पर हनुमान जी कृपा के चलते वे कुष्ठ रोग से मुक्त हो गए। साथ ही उनकी अन्य समस्याएं भी दूर हो गई।

10.कहा जाता है कि जिस तरह से हनुमान जी ने राजा की परेशानियां दूर की है। वैसे ही वे सभी भक्तें के संकट हरते हैं। उनके दर्शन मात्र से सारे काम बन जाते हैं।