
नीरव मोदी के बाद इस कंपनी ने किया घोटाला, कालाधन छिपाने के लिए व्यापारी आजमाते हैं ये 10 तरकीब
नई दिल्ली। विदेशों से कालाधन वापस मंगाने की मोदी सरकार की पहल मुश्किल में पड़ती दिख रही है। क्योंकि लगातार कंपनी मालिक बैंको को धोखा देकर करोड़ों रुपए का हेरफेर कर रहे हैं। हीरा कारोबारी नीरव मोदी के बाद बैंक घोटाले का एक और मामला सामने आया है। जिसमें भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) शामिल है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने शनिवार को कंपनी की ओर से किए गए 3,800 करोड़ रुपए के घोटाले की बात बताई है। तो कैसे कारोबारी रुपयों का हेरफेर करके स्विस बैंकों में अपना पैसा जमा कर रहे हैं, आइए जानते हैं।
1.नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की ओर से पीएनबी में किए गए अरबों के घोटाले के बाद अब एक और कंपनी का नाम सामने आया है। इस कंपनी को भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के नाम से जाना जाता है। बैंक ने घोटाले की सूचना भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को दी है।
2.बैंक के मुताबिक कंपनी ने बैंक कर्ज में धोखाधड़ी और बैंकों के समूह से कोष जुटाने को लेकर अपने बही-खतों में गड़बड़ की है। बैंक ने धोखाधड़ी की सूचना शेयर बाजार को भी दी है।
3.बताया जाता है कि भारत के बड़े कारोबारी देश के बैंकों से कर्ज के नाम पर बड़ा लोन ले लेते हैं और उन पैसों को चुकाने के बजाय उनसे ऐश करते हैं। वे पैसों को ठिकाने लगाने के लिए इसे स्विस बैंक में जमा करा देते हैं। चूंकि विदेशी बैंकों में खाता होने और दूसरे देश से इनका डिटेल्स लेने में दिक्क्त होती है। ऐसे में घोटाला करने वाले जल्दी पकड़ में नहीं आते हैं।
4.स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) की रिपोर्ट के मुताबिक लोग अपने रुपयों की डिटेल्स छुपाने के लिए 'नंबर्ड अकाउंट' का इस्तेमाल करते हैं। इसमें उनकी इंफॉरमेशन्स गोपनीय रखी जाती है। इसमें किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिख जाता है। इसमें महज अकाउंट नंबर के जरिए ही सारा काम होता है।
5.ये नंबर्ड अकाउंट किसके हैं इस बात की जानकारी बैंक के बहुत ही कम लोगों को होती है। ऐसे में सूचना लीक नहीं होती है। ऐसे में खाता किसका है और इसमें कितना धन है इस बात का पता लगाने के लिए सरकार को मशक्कत करनी पड़ती है।
6.रिपोर्ट के अनुसार बैंक में ये अकाउंट लिमिटेड होते हैं। इसलिए ये आसानी से उपलब्ध नहीं होते हैं। ये कुछ खास लोगों को ही मुहैया कराए जाते हैं।
7.बताया जाता है कि स्विस बैंकों में काला धन रखने वाले लोग पकड़े जाने से बचने के लिए बैंक के क्रेडिट या डेबिट कार्ड या चेक सुविधा का इस्तेमाल नहीं करते हैं। इससे उनकी डिटेल्स या लेन-देन शो नहीं होता है।
8.रिपोर्ट के मुताबिक स्विस बैंक में पैसे रखने के नियम है। इसके तहत अगर बैंक को लगता है कि कोई शख्स सियासी मकसद से रुपए रख रहा है तो उसका आवेदन खारिज कर दिया जाता है। ऐसे में कारोबारी एजेंट्स का सहारा लेते हैं।
9.रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार के कार्यकाल के शुरुआती तीन साल में स्विस बैंक में भारतीयों के पैसे रखने के आंकडों में कमी आई थी। मगर चौथे साल में इसमें अचानक से तेजी आ गई। इसमें रखी जाने वाली रकम में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। जो पिछले 13 सालों में सबसे तेज बढ़ोतरी थी।
10.स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) की रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे देशों के मुकाबले भारतीय अभी भी विदेशी बैंकों में कम रुपए रख रहे हैं। भारत इस समय 74वें नंबर पर है। जबकि ज्यादा पैसा रखने के मामले में ब्रिटेन सबसे आगे है।
Updated on:
08 Jul 2019 09:58 am
Published on:
08 Jul 2019 07:05 am
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