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माँ दुर्गा का ये मंत्र बनाएगा आपको मालामाल, जानें इससे जुड़ी 10 खास बातें

अगर आप भी परेशान हैं तो मां दुर्गा का एक चमत्कारिक मंत्र आपकी सारी समस्याएं दूर कर सकता है। तो कौन—सा है वो मंत्र और कैसे करें इसका जाप आइए जानते हैं।

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नई दिल्ली। भगवान को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय करते हैं। जिनमें व्रत रखना, पूजा करना, दान देना आदि शामिल होते हैं। इसके बावजूद उनकी इच्छाएं पूरी नहीं होती है। अगर आप भी परेशान हैं तो मां दुर्गा का एक चमत्कारिक मंत्र आपकी सारी समस्याएं दूर कर सकता है। तो कौन—सा है वो मंत्र और कैसे करें इसका जाप आइए जानते हैं।

1.अगर आपकी कोई इच्छा पूरी नहीं हो रही है तो आपको मां दुर्गा के बीज मंत्र "ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नम:" का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जप कम से कम एक माला करें। आप चाहे तो इससे ज्यादा भी कर सकते हैं।

2.यह मंत्र माँ का प्रिय मंत्र है और माँ के जागरण, पूजा आदि में इसका प्रयोग आवश्यक माना जाता है। दुर्गा सप्तशती के पाठ से पहले इस मंत्र को जपने, सुनने व दोहराने से माँ आपको बुद्धि और समृद्धि प्रदान करेंगी।

3.मां दुर्गा का ये बीज मंत्र बहुत प्रभावशाली है। इससे धन लाभ, कर्ज से छुटकारा, रोगों से मुक्ति और निर्धनता दूर होगी। इस मंत्र के जप के लिए स्फटिक की माला बेहतर रहती है।


4.जिन लोगों के जीवन में संतान सुख नहीं है वे माँ के इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। जप से पहले यदि वे मां दुर्गा को एक पानी वाला नारियल चढ़ाएं और संकल्प लें तो उनकी मनोकामना जल्द ही पूरी होगी।

5.अगर आप चाहें तो इस मंत्र का जाप किसी भी दिन कर सकते हैं, लेकिन यदि इसकी शुरुआत शुक्रवार से की जाए तो इसका फल दोगुना मिलता है।

6.मंत्र के जाप से पहले माँ दुर्गा के आगे देसी घी का दीप जलाएं और लाल फूल चढ़ाएं। यदि संभव हो तो कोई मिष्ठान भी अर्पित करें। ध्यान रहें कि इस मंत्र का जाप स्फटिक की माला से किया जाए।

7.दुर्गा जी के बीज मंत्र को दुर्गा अष्टाक्षर मन्त्र के नाम से भी जाना जाता है। ये बहुत ही सिद्ध मंत्र है। इसके जप से व्यक्ति के जीवन में आ रही सारी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं। इससे जातक की रक्षा भी होती है।

8.मंत्र का जाप करते समय आपको कच्ची जमीन, लकड़ी की चौकी या फिर सूती चटाई के आसन पर बैठना अच्छा होता है। क्योंकि शास्त्रों में इन्हें शुद्ध माना गया है। नियमपूर्वक जप करने से फल जल्दी मिलता है।

9.इस मंत्र का जाप करते समय अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। वहीं अगर आप रात के समय इस मंत्र को पढ़ रहें हैं तो मुख केवल उत्तर दिशा में ही रखें।

10.इस मंत्र का प्रभाव तब ज्यादा होता है जब इसे किसी एकांत स्थान पर व मंदिर में बैठकर पढ़ा जाए। इस मंत्र का जाप करते समय अपने सिर को कपड़े से ढकें और हो सके तो माला जपते समय ध्यान रखें कि कोई आपको देखे नहीं।