18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शरद पूर्णिमा विशेष : इस शुभ मुहूर्त में करें लक्ष्मी जी का पूजन, धन प्राप्ति के साथ चमकेगी किस्मत

बंगाली समुदाय में देवी मां को कोजागरी लक्ष्मी के नाम से जाना जाता है, इस दिन चांदनी रात में खीर रखा जाता है

2 min read
Google source verification
sharad purnima

शरद पूर्णिमा विशेष : इस शुभ मुहूर्त में करें लक्ष्मी जी का पूजन, धन प्राप्ति के साथ चमकेगी किस्मत

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन आकाश से अमृत बरसता है। इसलिए चांदनी रात में खीर रखकर इसका प्रसाद ग्रहण करने से व्यक्ति की आत्मा तृप्त होती है। इससे कई रोग भी दूर होते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा से खास लाभ होते हैं। तो क्या है पूजन का सही मुहूर्त आइए जानते हैं।

1.इस बार लक्ष्मी पूजन 23 अक्टूबर को है। हालांकि कुछ लोग 24 अक्टूबर को भी लक्ष्मी पूजन करेंगे। क्योंकि इस बार पूर्णिमा दो दिनों की है। पूजा का शुभ मुहूर्त 23 अक्‍टूबर की रात 10 बजकर 36 मिनट है। क्योंकि पूर्णिमा की शुरुआत इसी दिन से होगी।

2.शरद पूर्णिमा को चंद्रोदय शाम 05 बजकर 20 मिनट पर होगा। पूर्णिमा तिथि अगले दिन यानि 24 अक्टूबर को रात 10 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।

3.शरद पूर्णिमा को 'कोजागर पूर्णिमा' और 'रास पूर्णिमा' के नाम से भी जाना जाता है। जबकि इस व्रत को 'कौमुदी व्रत' कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी का विध-विधान से पूजन करने पर व्यक्ति को मान-सम्मान मिलता है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि आती हैं

4.शरद पूर्णिमा के दिन देवी मां को प्रसन्न करने के लिए पूरे घर को साफ करके चारों ओर गंगाजल छिड़कें। अब स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा के स्थान पर देवी लक्ष्मी की मूर्ति व फोटो स्थापित करें। देवी मां की प्रतिमा को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रखें।

5.देवी मां की मूर्ति रखने के बाद वहां थोड़े पीले चावल, जो कि हल्दी से रंगे हो, छिड़कें। अब एक कांसे या पीतल का परात लेकर उस पर कुमकुम से स्वास्तिक का निशान बनाएं। अब उस पर पानी व चावल भरके एक कलश रख दें। कलश के अंदर कुछ सिक्के भी रखें।

6.अब घर की चौखट पर आटे व चौक से देवी मां के चरण बनाएं। आप चाहे तो रेडीमेड पादुका का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद शाम के समय देसी घी का दीपक देवी मां के सामने जलाएं।

7.अगर आप अपनी कोई भी मनोकामना पूरी होते देखना चाहते हैं तो पूजन के समय दीये में दो लौंग रख दें। अब हाथों में जल लेकर मां लक्ष्मी का ध्यान करें और उनका आवाहन करें। संकल्प लेने के बाद अंगुलियों को झुकाते हुए जल छोड़ें।

8.अब देवी मां को खीर, मावा और अन्य चीजों का भोग लगाएं। पूजन के बाद इसे खुद एवं दूसरों को बांटें। इस दिन सात सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार का सामन बांटने एवं भोजन कराने से देवी मां प्रसन्न होती हैं। जिससे घर में धन-धान्य की बढ़ोत्तरी होगी।

9.शरद पूर्णिमा अश्विन मास के शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा को पड़ती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं और चंद्रोदय के बाद पूजन करके अपना व्रत खोलती हैं।

10.बंगाली समुदाय में शरद पूर्णिमा में किए जाने वाले लक्ष्मी पूजा को कोजागरी लक्ष्मी पूजन के नाम से जानते हैं। उनके मुताबिक इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं और देखती हैं कि उनका कौन-सा भक्त जगा हुआ है। इसलिए शरद पूर्णिमा को रात्रि जागरण का भी नियम है।