
ज्यादातर लोग ऑफिस में काम करते समय या घर में टीवी देखते सयम पैरों को क्रॉस करके बैठते हैं। लोगों को एक के ऊपर एक पैर रखना बहुत आरामदायक लगता है। वे इससे सुकून महसूस करते हैं, लेकिन आपकी ये आदत आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है। इससे आप पैरालाइज्ड तक हो सकते है। आज हम आपको इससे होने वाले खतरनाक नुकसानों के बारे में बताएंगे।

पैरों को क्रॉस करके बैठने से ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है। इससे खून पैरों से होकर छाती की तरफ बढ़ने लगता है। ऐसे में दिल को खून वापस भेजने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।

ऑर्थोपेडिक फिजिकल थेरेपिस्ट के अनुसार एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठने से पीठ और गर्दन में भी दर्द हो सकता है। क्योंकि ऐसे रीढ़ की हड्डी की नसें दब जाती है व डिसबैलेंस हो जाती है। काफी देर तक ऐसी स्थिति में बैठे रहने से स्पाडेलाइजेज की भी दिक्कत हो सकती है।

बहुत देर तक क्रॉस लेग करके बैठन से गर्दन पर भी जोर पड़ता है। क्योंकि गर्दन की नस कमर से जुड़ी हुई होती है। पैरों के मोड़ने पर नसें भी दब जाती है। जिससे नेक पर प्रेशर बनने लगता है।

पैरों को इस तरह करके बैठने से पेरोनियल नामक नर्व के दबने से पैरालाइज्ड होने का खतरा रहता है। दरअसल पेरोनियल एक तरह की नस होती है जो घुटनों के ठीक नीचे होती है। इस पर दबाव पड़ने से पैरों में अकड़न, झनझनाहट एवं मोच भी आ सकती है।

क्रॉस पैर करके बैठने से पैरों की नसें उभरने लगती हैं। जिससे वैरीकोस वेन्स की समस्या होने लगती है। इसे स्पाइडर वेन्स भी कहा जाता है। इन नसों पर दबाव पड़ने से पैरों में सूजन आने लगती है और बहुत तेज दर्द होता है।

एक टांग पर दूसरी टांग रख कर बैठने से जांघों की मांसपेशियों पर जोर पड़ता है। ज्यादा देर तक पैर मोड़े रहने से जोड़ों में दर्द होने लगता है। इससे हड्डियां खिसकने और चिटकने जैसी समस्याएं भी हो सकती है।

ज्यादा देर तक पैरों को एक पर एक रखकर बैठने से पैरों एवं कमर की मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है। समय रहते इस पर ध्यान न देने से गंभीर इंजरी हो सकती है। इससे चलने और उठने—बैठने में दिक्कत हो सकती हैं।

गर्भावस्था में महिलाओं को इस स्थिति में बिल्कुल नहीं बैठना चाहिए। इससे पेट पर जोर पडता है। जिससे बच्चे के मूवमेंट में दिक्कत आती है। यदि ये आदत लंबे समय तक रहें तो डिलीवरी में भी परेशानी आ सकती है।