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भगवान शंकर के परम भक्त होते हैं अघोरी साधु, बड़े ही रहस्यमय तरीके से जीते हैं अपना जीवन

अघोरी साधुओं भगवान शंकर के परम भक्त होते हैं और उन्ही को ही अपना इष्ट देव मानते हैं। भोजन में मृत व्यक्ति के शरीर को भी खा लेते हैं अघोरी। केवल धार्मिक स्थानों पर ही आते हैं लोगों के बीच

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नई दिल्ली। अघोरी साधुओं के जीवन के बारे में जानने कि लोगों के मन में खास इच्छा होती है। कहा जाता है कि अघोरी साधु बहुत ही रहस्यमय और विचित्र तरीके से अपना जीवन यापन करते हैं। अघोरी साधुओं भगवान शंकर के परम भक्त होते हैं और उन्ही को ही अपना इष्ट देव मानते हैं। अघोरी साधु बहुत ही कम मौक़ों पर लोगों के बीच में आते हैं और वे केवल तीर्थ स्थानों और कुंभ में ही देखे जाते हैं।

1.अघोरी साधुओं के बारे में कहा जाता है कि इनकी दुनिया बहुत ही रहस्यमय होती है जिसके बारे में किसी को भी आसानी से कोई जानकारी प्राप्त नहीं होती है।

2.भगवान शंकर को अपना इष्ट मानने वाले अघोरी शरीर पर बहुत ही कम वस्त्र धारण करते हैं और पूरे शरीर पर राख लगाए रखते हैं।

3.अघोरी साधुओं का रहन-सहन और पहनावा देखकर लोगों के मन में उनसे भयभीत रहने की धारणा घर कर जाती है लेकिन वे बिल्कुल इसके उलट होते हैं।

4.अघोरी साधु बहुत ही सरल स्वभाव के होते हैं और उन्हे विशेष रूप से भगवान शंकर की सिद्धि भी प्राप्त होती है।

5.अघोरी साधु कभी किसी व्यक्ति से ना तो कुछ मांगते हैं और ना ही मनुष्य जीवन में किसी प्रकार की रूचि रखते हैं।

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6.साधारण मनुष्यों को अघोरी साधु आसानी से दिखाई भी नहीं देते हैं वे केवल कुंभ के दौरान या फिर धार्मिक स्थानों पर ही नज़र में आते हैं।

7.अघोरी साधु अपने शरीर पर मृत व्यक्ति के शरीर की राख लगाए रखते हैं और श्मशान में ही वास कर शिव पूजा में लीन रहते हैं।

8.अघोरी साधु केवल शक्ति पीठ, बगलामुखी, मां काली और भैरव के ही मुख्य स्थानों के नज़दीक स्थित श्मशान घाट पर साधना करते हैं इन स्थानों के अलावा अन्य किसी भी स्थान पर वे वास नहीं करते हैं।

9.भोजन में भी अघोरी साधु जो मिलता है उसी का सेवन कर लेते हैं यहां तक की वे किसी भी मृत शरीर को भी भोजन के रूप में स्वीकार कर लेते हैं।

10.कहा जाता है अगर किसी सच्चे और सिद्धि प्राप्त अघोरी ने एक बार कुछ बोल दिया तो वह बात सच साबित होती है। अगर वे किसी को श्राप दे दें तो वह बहुत तेजी से असर करता है।

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