
सावन का प्रत्येक सोमवार अपने आप में खास होता है। इस दिन निष्ठापूर्वक पूजा करने से भक्त की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस महीने भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना अत्यन्त शुभ माना जाता है और इसमें इस्तेमाल होने वाले द्रव्यों में कुछ खास चीजों को शामिल करने से किस्मत को चमकाया जा सकता है। तो कौन—सी हैं वो चीजें आइए जानते हैं।

रूद्रहृदयोपनिषद में भगवान शंकर के रुद्राभिषेक के महत्व के बारे में बताया गया है। इसके अनुसार जल से शिव का अभिषेक कराना सबसे अच्छा माना जाता है। इससे मन को शांति मिलती है। साथ ही घर में खुशहाली आती है।

जो लोग सांसारिक सुखों को भोगना चाहते हैं और समाज में प्रतिष्ठा हासिल करना चाहते हैं तो उन्हें सोमवार को शिव जी का इत्र से अभिषेक करना चाहिए। इससे व्यक्ति को कामयाबी मिलेगी और उसके पास हमेशा धन—धान्य बना रहेगा।

जो लोग खूब धन—दौलत कमाना चाहते हैं व रातों—रात अमीर बनना चाहते हैं तो उन्हें अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए शंकर जी का गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी की भक्तों पर कृपा होती है।

अगर कोई व्यक्ति पुत्र की कामना करता है तो उसे सावन के सोमवार को शक्कर मिले हुए जल से शंकर जी का अभिषेक कराना चाहिए। इससे जल्द ही संतान की प्राप्ति होती है, साथ ही भविष्य में बच्चा बड़ा होकर बहुत तरक्की करता है।

अगर कोई व्यक्ति बीमार रहता है तो इससे छुटकारा पाने के लिए भगवान भोलेनाथ का शहद व कुशोदक से अभिषेक कराना चाहिए। इससे पीड़ा कम होती है और रोग से लड़ने की क्षमता बढती है।

यदि कोई व्यक्ति् अपने शत्रुओं से परेशान हैं तो उसे सोमवार को सरसों के तेल से शिव का अभिषेक करना चाहिए। इससे विरोधी परास्त होंगे और आपका प्रभाव ज्यादा पड़ेगा।

जो लोग पुरुषार्थ हासिल करना चाहते हैं तो उन्हें शिव जी का अभिषेक गंगाजल से करना चाहिए। जल अर्पण करते समय वयक्ति को महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए। ऐसा करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।

यदि किसी व्यक्ति का मस्तिष्क ज्यादा विकसित नहीं है, उसे भूलने की बीमारी है एवं चीजों को समझने की ज्यादा क्षमता नहीं है तो इसे ठीक करने के लिए शिव का अभिषेक दूध में शक्कर को मिलाकर करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति की मानसिक क्षमता में वृद्धि होती है।

जो लोग सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति चाहते हैं तो ऐसे लोगों किसी धार्मिक तीर्थ स्थान के पास वाली नदी के जल से शिव जी का अभिषेक करना चाहिए। इससे उन्हें जन्म—मरण के बंधन दसे मुक्ति मिलेगी।