23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भैरव बाबा नहीं बल्कि इनके बिना अधूरी होती है मां वैष्णों देवी की यात्रा

जम्मू से करीब 14 किलोमीटर दूर नगरोटा में स्थित है देवी मां का यह मंदिर, इसका नाम कौल कंडोली मंदिर है

2 min read
Google source verification
kol kandoli temple

भैरव बाबा नहीं बल्कि इनके बिना अधूरी होती है मां वैष्णों देवी की यात्रा

नई दिल्ली। जम्मू के कटरा में त्रिकुट पर्वत पर विराजमान मां वैष्णों देवी के दर्शन के लिए हर साल लाखों लोग जाते हैं। मान्यता है कि जब तक भैरव बाबा के दर्शन नहीं किए जाते हैं तब तक वैष्णों देवी की यात्रा पूरी नहीं होती है।, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे, जहां दर्शन किए बगैर लौटने पर आपकी वैष्णों देवी के दर्शन पूरे नहीं होंगे।

1.दरअसल ये जगह जम्मू शहर से 14 किलोमीटर दूर नगरोटा में स्थित है। यहां कौल कंडोली मंदिर है। बताया जाता है कि यहां देवी दुर्गा 5 साल की कन्या के रूप में प्रकट हुईं थीं।

2.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी मां ने इस जगह पर करीब 12 साल की उम्र तक तपस्या की थी। बाद में वो यहां एक पिंडी के रूप में विराजमान हो गईं।

3.बताया जाता है कि देवी दुर्गा कन्या के वेष में गांव की दूसरी लड़कियों के साथ खेलती थीं। उनके इस मोहक स्वरूप को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता था।

4.बताया जाता है कि इस मंदिर की खोज पांडवों ने की थी। दरअसल पांडव अज्ञातवास के दौरान यहां से गुजर रहे थे। तभी उन्होंने यहां पूजा की थी। उनकी भक्ति भावना को देखकर मां ने उन्हें स्वप्न में यहां एक मंदिर बनाने को कहा था।

5.पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार मंदिर के निर्माण के वक्त भीम को बहुत तेज प्यास लगी, लेकिन आस-पास पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी। तब देवी मां ने मंदिर के पीछे जाकर एक कटोरे में पानी का इंतजाम किया।

6.कहते हैं वो कटोरा इतना चमत्कारिक था कि उससे हजारों लोगों के पानी पीने के बावजूद वो खाली नहीं होता था।

7.मंदिर के पास एक कुंआ भी है। बताया जाता है कि देवी ने लोगों की प्यास बुझाने के लिए इस कुएं का निर्माण किया था। मान्यता है कि जो भी भक्त इस कुएं का पानी पीता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं।

8.बताया जाता है कि देवी मां के कटोरा उत्पन्न करने के समय वहां एक शिवलिंग की भी उत्पत्ति हुई थी। इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग को गणेश्वरी ज्योतिलिंग के नाम से जाना जाता है।

9.देवी मां के इस जगह किए गए अनेक चमत्कारों में से एक कथा के अनुसार मां भगवती ने यहां चार चांदी के कटोरों में गांव के लोेगों को 36 प्रकार के पकवान खिलाएं थे।

10.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी मां इस जगह आज भी विराजमान हैं और वो कन्या स्वरूप में हैं। इसलिए उनके दर्शन किए बिना वैष्णों देवी की यात्रा अधूरी मानी जाएगी।