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दिल्ली में 15 लाख दुकानें रहेंगी बंद
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि शनिवार से सोमवार तक देश की राजधानी दिल्ली में 15 लाख दुकानें बंद रखने का निर्णय शुक्रवार को ही ले लिया गया था। उन्होंने बताया यह निर्णय कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लिया गया है। शनिवार और रविवार को दिल्ली और आसपास में रहने वाले लोगों का अवकाश होता है, जिसकी वजह से दिल्ली के बाजारों में ज्यादा भीड़ होती है। जिससे वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं सोमवार को कई बाजार बंद रहते हैं। वहीं कुछ बाजारों में दुकानें खुली रहती है। ऐसे में सोमवार को भी दुकानें बंद रखने का फैसला लिया गया है। दुकानों के बंद रहने से दिल्ली में रोज 500 करोड़ रुपए यानी तीन दिनों में 1500 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
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रविवार को देश में 7 करोड़ दुकाने होंगी बंद
वहीं दूसरी ओर 22 मार्च को पूरे देश में बंदी का ही माहौल रहेगा। कैट के आंकड़ों के अनुसार देश के 7 करोड़ व्यापारी अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रखेंगे। पीएम नरेंद्र के आह्वान के अनुसार 22 मार्च यानी रविवार को जनता कफ्र्यू लागू होगा। यह एक दिन का ही होगा। इस दिन देश में कोई कारोबार नहीं होगा। कैट के अनुसार 7 करोड़ दुकानों में काम करने वाले करीब 40 करोड़ कर्मचारी अपने घर पर ही रहेंगे। वहीं देश के करीब 40 हजार से ज्यादा व्यापारिक संगठन जनता कफ्र्यू में शामिल होंगे। इस अभियान में शामिल होंगे। कैट के अनुसार देश में रविवार को 7 करोड़ दुकानें बंद होने से 7 हजार करोड़ रुपए तक का नुकसान होने का अनुमान है।