लॉकडाउन से हुआ नुकसान ADB ने ये भी बताया था कि पिछले फाइनेंशियल ईयर की अंतिम तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की 1.6 प्रतिशत की रही। इससे पूरे फाइनेंशियल ईयर के लिए ग्रोथ में कमी पहले के 8 प्रतिशत से घटकर 7.3 प्रतिशत रह गई। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद भारत में अधिकांश राज्य सरकारों ने सख्त लॉकडाउन लगाया था। इससे इकोनॉमी को भी काफी नुकसान हुआ है। हालांकि, जून 2021 में लॉकडाउन खुलने के बाद से बिजनेस एक्टिविटीज में तेजी आई है।
दूसरी लहर से विकास की गति को लगा झटका एशियन विकास बैंक ने दक्षिण एशिया को लेकर जारी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मार्च से जून के बीच कोरोना के फैलने से इस रीजन में इकोनॉमिक संभावनाओं को झटका लगा है। यह बात अलग है कि एक वर्ष पहले की तुलना में इससे निपटने के लिए कारोबार और उपभोक्ता पहले से बेहतर स्थिति में नजर आए। दक्षिण एशिया क्षेत्र के लिए पिछले फाइनेंशियल ईयर में इकोनॉमिक ग्रोथ का अनुमान 9.5 प्रतिशत से घटाकर 8.9 प्रतिशत किया गया है। चालू वित्त वर्ष के लिए यह 6.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत हुआ है।
वैक्सीनेशन से ग्रोथ को मिलेगी मजबूती एडीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दक्षिण में वैक्सीनेशन की गति बढ़ने से इकोनॉमिक ग्रोथ में तेज से रिकवरी हो सकती है। इसकी दर वैश्विक औसत से अधिक है लेकिन अमरीका और यूरोप की तुलना में काफी कम है।