तीन दिवसीय सम्मेलन
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देश का व्यापारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उनके विभिन्न दूरदर्शी कार्यक्रम के लिए बहुत सम्मान करता है, लेकिन यह बेहद खेदजनक है कि केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों का क्रियान्वयन व्यापारियों के लिए एक बड़ा दर्द बन गया है, जिसमें विशेष रूप से देश में जीएसटी की वर्तमान जटिल स्थिति उसके मूल सिद्धांतों का अत्यधिक उल्लंघन है। कैट ने जीएसटी के विभिन्न प्रावधानों के खिलाफ एक आक्रामक राष्ट्रीय आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है और इसलिए, 8 से 10 फरवरी तक राष्ट्रीय व्यापारी नेता इस आंदोलन की रूप रेखा घोषित करेंगे।
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इन मुद्दों पर होगी बात
– ई-कॉमर्स व्यापार और प्रस्तावित ई-कॉमर्स नीति।
– महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने।
– मुद्रा योजना का मूल्यांकन।
– व्यापारियों के लिए वित्त की आसान उपलब्धता।
– 28 प्रकार के लाइसेंसों के स्थान पर एक लाइसेन्स।
– स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में व्यापारियों की भूमिका।
– खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के तहत अधिकारियों को दी गई मनमानी शक्तियां।
– लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत का जमीनी स्तर पर सफल क्रियान्वयन।
– खुदरा व्यापार के लिए राष्ट्रीय व्यापार नीति।
– राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर ट्रेड बोर्ड का गठन।
– डिजिटल भुगतानों की स्वीकृति।
– खुदरा व्यापार के मौजूदा प्रारूप का डिजिटलीकरण।
– आपूर्ति श्रृंखला में एफएमसीजी कंपनियों द्वारा की जा रही विकृतियां।
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80 लाख करोड़ रुपए का सालाना कारोबार
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि खुदरा व्यापार लगातार उपेक्षित रहा है, हालांकि यह 80 लाख करोड़ रुपये का सालाना कारोबार कर रहा है और देश में 8 करोड़ व्यापारी 40 करोड़ लोगों को रोजगार दे रहे हैं। कैट ने देश में खुदरा व्यापार परिदृश्य को बदलने के लिए इन मुद्दों पर आक्रामक रूप से निर्णय लेने का फैसला किया है।