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अब अनाज ना सड़ेगा, ना गलेगा, Railway Ministry करेगा FCI की मदद

Indian Railway की खाली जमीनों पर बनाएं जाएंगे अनाज गोदाम
FCI ने Warehouse के लिए Railway को 87 लोकेशन की सूची सौंपी

Aug 14, 2020 / 04:06 pm

Saurabh Sharma

Grain will be better maintained, warehouse will built on railway land

Grain will be better maintained, warehouse will built on railway land

नई दिल्ली। देश में अनाज को सडऩे और गलने से बचाने के भारतीय खाद्य निगम ( Food Corporation of India ) और रेल मंत्रालय ( Railway Ministry ) आपस में एक दूसरे का सहयोग करेंगे। रखरखाव की कमी के कारण अनाज को बर्बाद हो से बचाने के लिए रेलवे की खाली जमीन ( Railway Vacant Land ) पर गोदाम ( Grain Warehouse ) बनाने की कवायद शुरू हो गई है। एफसीआई ( FCI ) ने इसके लिए रेलवे को 87 लोकेशन की लिस्ट सौंपी है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ( Union Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution ) से मिली जानकारी के अनुसार, भंडारण की कमी को पूरा करने को लेकर एफसीआई, सेंट्रल हाउसिंग कॉरपोरेशन ( Central Housing Corporation ) और सेंट्रल रेलसाइड वेयरहाउस कंपनी ( Central Railside Warehouse Company ) द्वारा किए गए विश्लेषण के मद्देनजर रेलवे की खाली जमीन पर गोदाम बनाए जाएंगे।

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87 लोकेशन की सौंपी लिस्ट
मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, एफसीआई ने रेलवे को इसके लिए 87 लोकेशन की सूची सौंपी थी जिनमें से 36 लोकेशन चिह्नित किए गए हैं और इनमें से भी 24 स्थानों का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया जा चुका है। सीआरडब्ल्यूसी ने 1.30 लाख टन भंडारण के लिए गोदाम बनाने को लेकर 11 जगहों पर रेलवे की जमीन की सूची सौंपी है जिनमें से गुजरात के गांधीधाम और पश्चिम बंगाल के संकरैल के लिए रेलवे ने आआरडब्ल्यूसी को सकारात्मक संकेत दिया है जबकि बाकी जगहों के संबंध में रेलवे की स्वीकृति का इंतजार है।

कितनी है भंडारण क्षमता
खाद्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार एफसीआई के पास इस समय खुद के 545 गोदाम हैं जिनकी भंडारण क्षमता 153.70 लाख टन है जबकि किराए पर 1622 गोदाम हैं, जिनकी क्षमता 261.53 लाख टन है। इसके अलावा राज्यों की एजेंसियों के खुद व किराए के गोदामों की भंडारण क्षमता 358.93 लाख टन है। इस प्रकार, कुल उपलब्ध भंडारण क्षमता 774.25 लाख टन है। भंडारण की यह सुविधा देशभर में उपलब्ध है।

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आती रहती हैं शिकायतें
जानकारों की मानें तो पंजाब, हरियाणा जैसे उत्पादक राज्यों में जहां गेहूं और धान की सरकारी खरीद व्यापक पैमाने पर होती है वहां उपलब्ध भंडारण सुविधा कम पड़ जाती है। इसलिए, विगत में भंडारण के अभाव में अनाज खराब होने की शिकायते आती रही हैं। अब भंडारण की सुविधा बढ़ाए जाने से अनाज को बेहतर ढंग से रखरखाव हो पाएगा।

कितना है देश में अनाज भंडार
मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, छह अगस्त 2020 को एफसीआई के पास अनाज का कुल भंडार 750.19 लाख टन था जिसमें 241.47 लाख टन चावल और 508.72 लाख टन गेहूं शामिल है। सरकार ने इस साल रबी सीजन में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर रिकॉर्ड 389.91 लाख टन गेहूं खरीद की है।

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सरकार ने शुरू की है पीजीकेएवाई
सरकार के पास अनाज का पर्याप्त भंडार होने से ही कोरोना काल में मुफ्त अनाज वितरण योजना शुरू हो पाई। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल से देश में खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने पांच किलो अनाज दिया जा रहा है। यह योजना शुरू में अप्रैल, मई और जून के लिए शुरू की गई थी जिसे बाद में पांच महीने आगे बढ़ाकर नवंबर तक कर दिया गया है।

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