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Gold दे चुका है Return, अब पांच साल तक संभलकर करें Invest

मार्च से अब तक Gold में मिल चुका है 35 फीसदी से ज्यादा Return
पांच सालों में Gold में 10 से 15 फीसदी का देखने को मिल सकता है Return

Aug 14, 2020 / 01:20 pm

Saurabh Sharma

Investment in gold

Gold has given returns, now invest carefully for five years

नई दिल्ली। जब भी सोना ( Gold Price ) अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचता है या यूं कहें कि सोने में तेजी 35 से 40 फीसदी तक देखने को मिलती है तो उसके बाद सोना उतनी तेजी के साथ आगे नहीं बढ़ता। अगर बीते 10 सालों के ट्रेंड को देखें तो कुछ ऐसा ही देखने को मिलता है। अगर आप हाल ही के दिनों की बात करें तो 56 हजार के स्तर को पार करने के बाद अब सोना ( Gold Price Today ) 52 हजार के हजार के दायरे में आ गया है। जानकारों की मानें तो उसे फिर से 56 हजार के स्तर तक पहुंचे सा फिर उससे आगे तक बढऩे में 5 साल का समय लग सकता है। ऐसे में जो निवेशक यह सोच रहे हैं कि उन्हें दोबरा से सोने में 30 फीसदी का रिटर्न ( Gold Return ) देखने को मिल सकता है तो उन्हें थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। हां यह बात अलग है कि 10 से 15 फीसदी का रिटर्न सोना अगले पांच सालों में जरूर देगा।

पांच महीने में सोने में रिटर्न
पहले बात बीते पांच महीने में सोने में रिटर्न की करें तो वायदा बाजार में 16 मार्च को सोने के दाम 38,400 रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया था। जबकि 7 अगस्त को सोने का भाव रिकॉर्ड 56,191 रुपए प्रति 10 ग्राम तक उछला। यानी इस दौरान सोने के दाम में 17,791 रुपए प्रति दस ग्राम की तेजी देखने को मिल चुकी है। यानी मार्च से 7 अगस्त तक 155 दिनों में सोना 32 फीसदी के आसपास रिटर्न दे चुका है। जबकि अगस्त के पहले हफ्ते में सोने की कीमत में 2400 रुपए प्रति दस ग्राम की तेजी देखने को मिली। 31 जुलाई की करें तो सोने के दाम 53,445 रुपए प्रति दस ग्राम पर बंद हुए थे। जबकि 7 अगस्त को सोने की कीमत 55,845 रुपए प्रति दस ग्राम पर बंद हुए।

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2011 में मिला था 30 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न
गोल्ड की कीमत में 30 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न वर्ष 2011 में देखने को मिला था। तब पूरी दुनिया आर्थिक मंदी की चपेट में थी। उस साल सोने के दाम 19000 हजार रुपए के स्तर से 27000 रुपए के स्तर पर आ गए थे। तब सोना करीब 32 फीसदी के रिटर्न के साथ 6600 रुपए प्रति दस ग्राम की ग्रोथ देखने को मिली। उसके बाद 2019 से पहले सोने में इतना रिटर्न कभी देखने को नहीं मिला। 2019 में चीन और अमरीका के बीच चल रहे ट्रेड वॉर और जियो पॉलिटिकल टेंशन की वजह से सोने के दाम में तेजी देखने को मिली थी। जिसकी वजह से सोने में रिटर्न में 25 फीसदी के रिटर्न के साथ 7800 रुपए की तेजी देखने को मिली थी। वैसे 2013 से लेकर 2015 यानी सोने के दाम में गिरावट भी देखने को मिली है।

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6 साल लग गए थे रिकॉर्ड टूटने में
2013 में गिरावट भले ही देखने को मिली हो, लेकिन उस साल सोने के दाम ने 35 हजार के स्तर को पार किया था। उस साल जुलाई और अगस्त के महीने में मिलाकर सोने के दाम में 30 फीसदी कगी बढ़ोतरी देखने को मिली थी। जिसके बाद दाम 26 हजार रुपए से 35 हजार रुपए पर आ गए थे। यह उस समय सोने का ऑल टाइम हाइक था। जोकि 2019 तक जारी रहा। जुलाई 2019 में सोने के दाम 35420 रुपए के साथ नया हाई क्रिएट किया। अब समझ सकते हैं कि एक बार मंदी के दौरान कम समय में ज्यादा तेजी आने के बाद उसके बाद सोना ज्यादा समय के लिए सुस्त हो जाता है।

क्या आगे भी देखने को मिल सकता है ऐसा
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि अगर बीती मंदी से तुलना करें तो देखने को मिलता है कि सोना एक बार तेजी के बाद थोड़ा सुस्त हो जाता है। 2011 के बाद से सोने में रिटर्न 2018 तक 10 से 15 फीसदी ही देखने को मिली है। उसके बाद 2019 में ट्रेड वॉर और पॉलिटिकल टेंशन के कारण सोना 25 फीसदी तक बढ़ा है। वहीं कोरोना के दौरान छाई मंदी से सोने में 36 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है। अब सोना बीते एक सप्ताह से दायरे में कारोबार कर रहा है। इससे संकेत यह मिलता है कि आने वाले पांच में सालों में सोना का स्तर 50 से 55 के बीच ही रह सकता है। उसके बाद कुछ सोने में बदलाव देखने को मिल सकता है।

अभी और कायम रह सकती है तेजी
वहीं दूसरी ओर एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता का कहना है कि भले ही बीते एक हफ्ते में सोने की कीमत में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही हो, लेकिन आने वाले दिनों में सोने की कीमत में तेजी देखने को मिल सकती है। बीती मंंदी में इकोनॉमी को रिकवर होने में ज्यादा समय नहीं लगा था, लेकिन इस बार रिकवरी में वक्त लग सकता हैै। ऐसे में गोल्ड में इंवेस्टमेंट बरकरार रह सकता है। वहीं दूसरी ओर जीयो पॉलिटिकल टेंशन और चीन अमरीका कोल्ड वॉर की वजह से सोने के दाम में तेजी बरकरार रह सकती है।

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