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21 जून को GST काउंसिल की बैठक में 1 साल के लिए बढ़ सकती है NAA की अवधि, पहली बार निर्मला सीतारमण करेंगी अध्यक्षता

30 नवंबर 2020 तक बढ़ाई जा सकती है NAA की अवधि। GST छूट पर ग्राहकों की शिकायतों का निस्तारण करने के लिए हुआ था NAA का गठन। पूर्वोत्तर राज्यों और यूनियन टेरिटरी के लिए अपीलेट ट्रिब्युनल बनाने के प्रस्ताव पर भी विचार कर सकती है GST काउंसिल।

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नई दिल्ली।जीएसटी काउंसिल ( GST Council ) 21 जून को होने वाले आगामी बैठक में नेशनल एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी ( National Anti-profiteering Authority ) की अवधि को 30 नवंबर 2020 तक बढ़ाने का फैसला ले सकती है। इस संबंध में एक अधिकारी ने रविवार को जानकारी दी। NAA टैक्स छूट न मिलने पर ग्राहकों की शिकायतों का निस्तारण करता है। 21 जून को होने वाली इस 35वीं बैठक में नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) पहली बार हिस्सा लेंगी।

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लग सकता है ENA पर जीएसटी

GST काउंसिल की इस बैठक में पूर्वोत्तर राज्यों और यूनियन टेरिटरी के अपीलेट ट्रिब्युनल बनाने के प्रस्ताव पर भी विचार कर सकती है। इसके अतिरिक्त, काउंसिल एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल ( ENA ) पर भी जीएसटी लगाने के बारे में फैसला ले सकती है। ENA का इस्तेमाल इंसानों के लिए अल्कोहल बनाने के लिए किया जाता है। इसमें गन्ने का राब होता है और 95 फीसदी शुद्ध इथाइल अल्कोहल ( ethyl alcohol ) भी होता है। आमतौर पर इसे अल्कोहलिक लिकर ( Alcoholic Liquor ) के तौर पर नहीं, लेकिन अल्कोहल बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।

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क्यों बढ़ सकती है एनएए की अवधि

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ( ministry of finance ) NAA को एक और साल के लिए इसलिए जारी रखना चाहता है, क्योंकि अभी भी जीएसटी कट को लेकर ग्राहकों की शिकायते आ रही हैं। हालांकि, एनएए इस अवधि को बढ़ाकर 2 सालों के लिए करना चाहता है। जीएसटी काउंसिल की यह बैठक 20 जून को तय थी, लेकिन अब इसे पोस्टपोन कर 21 जून कर दिया गया है।

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अभी तक किसी राज्य में नहीं बना जीएसटी अपीलेट ट्रिब्युनल

बता दें कि 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने के बाद सरकार ने एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी को दो सालों के लिए सेटअप किया था, ताकि ग्राहक जीएसटी रेट कट फायदा नहीं मिलने पर शिकातय कर सकें। 30 नंवबर 2017 को एनएए अस्तित्व में आया। बीएन शर्मा को एनएए का चेयरमैन बनाया गया। अभी तक अलग-अलग मामलों में एनएए ने 67 आदेशों को जारी किया है। जीएसटी नियमों के तहत अभी सभी राज्यों को अपीलेट ट्रिब्युनल बनाना है। 18 राज्यों को इसके लिए मंजूरी भी मिल गई है, लेकिन अभी तक किसी भी राज्य में यह अस्तित्व में नहीं आया है। 21 जून को होने वाली बैठक में काउंसि ओडि़सा, दिल्ली और तेलंगाना में अपीलेट ट्रिब्युनल का प्रस्ताव भी पेश करेगा।

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