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वर्ष 2025 तक 300 अरब डॉलर हो जाएगा भारत-आसियान द्विपक्षीय व्यापार

भारत की निर्यात की जाने वाली वस्तुओं की मात्रा 20 कमोडिटी में बहुत अधिक
मौजूदा समय में आसियान देशों के साथ भारत का 142 अरब डॉलर है व्यापार

नई दिल्लीNov 13, 2019 / 09:06 am

Saurabh Sharma

नई दिल्ली। क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी ( rcep ) से भारत के अलग होने के बाद देश का आसियान ( ASEAN ) के साथ मौजूदा आदान-प्रदान वापस फोकस में आ गया है और उद्योग के एक अध्ययन ने कहा कि भारत का आसियन देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार 2025 तक मौजूदा के 142 अरब डॉलर (2018) से बढ़कर 300 अरब डॉलर हो जाएगा।

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पीएचडी रिसर्च ब्यूरो , पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा कराए गए अध्ययन में कहा गया है कि आसियान देशों को भारत की निर्यात की जाने वाली वस्तुओं की मात्रा 20 कमोडिटी में बहुत अधिक है, जो इन देशों के लिए भारत के निर्यात बास्केट को और विस्तारित करने का मौका प्रस्तुत करता है।

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अध्ययन के अनुसार, 2018-19 में आसियान को भारत का मर्चेडाइज निर्यात लगभग 38 अरब डॉलर, आयात 59 अरब डॉलर और कुल व्यापार 97 अरब डॉलर है। सेवा क्षेत्र में भारत का आसियान देशों को निर्यात 24 अरब डॉलर, आयात 21 अरब डॉलर और कुल व्यापार 45 अरब डॉलर है।

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पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष, डॉ. डीके अग्रवाल ने कहा कि विनिर्माण और सेवा व्यापार में तालमेल तलाशने, भारत-आसियन के बीच पेशेवरों का आवागमन और व्यापारिक दौरा सुनिश्चित करने, सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय परंपराओं को प्रोत्साहित करने जैसे कदमों से भारत और आसियान की अर्थव्यवस्थाओं के बीच द्विपक्षीय सहयोग मजबूत होगा। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि आसियान की अर्थव्यवस्थाओं में भारत का निर्यात बढ़ाने की अपार संभावना है।

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