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अर्थव्‍यवस्‍था

सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, अब इतनी कम हो जाएगा आप सबकी सैलरी

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कंपनियों को वित्तीय तौर पर तो असर पड़ेगा ही, साथ ही कर्मचारियों के वेतन पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।

कोर्ट के आदेश के अनुसार यदि स्पेशल अलाउंस को बेसिक पे का हिस्सा माना जाता है तो आपके हाथ में दी जाने वाली सैलरी 24 फीसदी तक कम हो सकती है।

Mar 03, 2019 / 03:15 pm

Ashutosh Verma

Salary

सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, अब इतनी कम हो जाएगा आप सबकी सैलरी

नई दिल्ली। गत गुरुवार को देश के सर्वोच्च न्यायालय ने कर्मचारियों को दी जाने वाली सैलरी और प्रोवीडेंट फंड (पीएफ) को लेकर एक अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के अनुसार, किसी भी कर्मचारी के पीएफ की गणना के लिए ‘स्पेशल अलाउंस’ को भी बेसिक पे का ही हिस्सा माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कंपनियों को वित्तीय तौर पर तो असर पड़ेगा ही, साथ ही कर्मचारियों के वेतन पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।


बेसिक सैलरी व स्पेशल अलाउंस

जस्टिस अरुण मिश्रा व नवीन सिन्हा की अगुवाई वाली दो सदस्यीय बेंच ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जो कई कंपनियों द्वारा दाखिल किया था। इस याचिका में प्रोवीडेंट फंड कमीश्नर के फैसले को चुनौती दी गई थी। प्रोवीडेंट फंड कमीश्नर ने फैसला लिया था कि बेसिक पे को स्पेशल अलाउंस को एक साथ मिलाया जाए ताकि सही पीएफ काट सके। दोनो जजों के बेंच के सामने जो सबसे बड़ा सवाल था वे ये कि पीएफ एक्ट के सेक्शन 2(क्च)(द्बद्ब) के तहत क्या स्पेशल अलाउंस को बेसिक वेतन के अंतर्गत माना जाएगा या नहीं।


क्या हैं नियम

रिपोर्ट के मुताबिक, जजमेंट सुनाने के दौरान जस्टिस सिन्हा ने कहा, “वेतन संरचना और वेतन के घटकों की जांच तथ्यों के आधार पर की गई है। अधिनियम के तहत प्राधिकारी और अपीलीय प्राधिकारी दोनों, जो एक तथ्यात्मक निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि प्रश्न में भत्ते मूल रूप से मूल वेतन का एक हिस्सा थे जो एक के हिस्से के रूप में कर्मचारियों के पीएफ खाते के अनुसार कटौती और योगदान से बचने के लिए भत्ता छला जाता था।” उन्होंने आगे कहा कि तथ्यों के समवर्ती निष्कर्ष में हस्तक्षेप करने के लिए हमारे पास कोई अवसर नहीं है। इसलिए प्रतिष्ठानों द्वारा की गई अपील में कोई हस्तक्षेप नहीं है। इसके विपरीत, इसी कारण से, क्षेत्रीय प्रोवीडेंट फंड कमीश्नर द्वारा अपील को अनुमति दी जानी चाहिए


24 फीसदी तक कम हो सकती है आपकी टेक होम सैलरी

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब उन लोगों को कोई असर नहीं पड़ेगा जिनकी बेसिक सैलरी व स्पेशल अलांउस 15 हजार रुपए प्रतिमाह से अधिक है। आइए जानते हैं कि इस आदेश के बाद आपकी सैलरी पर क्या होगा असर। वर्तमान में, आपकी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा पीएफ के लिए कटता है और उतनी ही राशि आपका नियोक्ता भी जमा करता है। पीएफ एक्ट के सेक्शन 2(क्च) के तहत, बेसिक सैलरी में निम्नलिखित को नहीं दर्शाया जाता है।
1. महंगाई भत्ता, हाउस रेंट अलाउंस, ओवरटाइम, बोनस, कमीशन।
2. फूड कूपन की कीमत।
3. कंपनी द्वारा आपको दिया गया कोई तोहफा।

हालांकि, कोर्ट के आदेश के अनुसार यदि स्पेशल अलाउंस को बेसिक पे का हिस्सा माना जाता है तो आपके हाथ में दी जाने वाली सैलरी 24 फीसदी तक कम हो सकती है। इसमें आपके स्पेशल अलाउंस का 12 फीसदी हिस्सा आपकी तरफ से आपकी नियोक्ता की तरफ से 12 फीसदी हिस्सा होगा। लेकिन आपके लिए अच्छी बात ये है कि इससे आपके रिटायरमेंट फंड जुटाने में फायदा मिलेगा।
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