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सस्ती मिलती हैं दवाएं
भारतीय जन औषधि केंद्रों में मार्केट प्राइस के मुकाबले 50 से 90 फीसदी सस्ती दवाएं मुहैया होती है। मौजूदा समय में देश के 726 जिलों में 6,300 से अधिक भारतीय जन औषधि केंद्र खुले हुए हैं। इसे खोलने में किसी तरह की कोई दिक्कत भी नहीं है। इसका प्रोसेस भी काफी आसान है। साथ इसे खोलने में ज्यादा खर्चा भी नहीं आता है। आप इसे खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। सरकार भी आपकी इसे खोलने में आर्थिक मदद करती है। साथ ही इसे खोलने के लिए आपकी मोटी कमाई भी होती है।
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ये लोग खोल सकते हैं भारतीय जन औषधि केंद्र
– तीन कैटेगिरी के लोग ही भारतीय जन औषधि केंद्र खोल सकते हैं।
– पहली कैटेगरी में कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर, रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर जन औषधि केंद्र खोल सकता है।
– दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट हॉस्पिटल, सोसायटी और सेल्फ हेल्प ग्रुप आते हैं।
– तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों की ओर से नॉमिनेट एजेंसी जनऔषधि केन्द्र खोल सकती है।
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सरकार से मिलती है भरपूर मदद
– सरकार जन औषधि केंद्र खोलने पर 2.5 लाख रुपए तक की मदद करती है।
– केंद्र से दवाओं की बिक्री से 20 फीसदी तक का मार्जिन मिलता है।
– हर महीने होने वाली बिक्री पर अलग से 15 फीसदी का इंसेंटिव मिलता है।
– इंसेंटिव की अधिकतम सीमा 10 हजार रुपए महीने तक फिक्स है।
– यह इंसेंटिव तब तक मिलेगा, जब तक 2.5 लाख रुपए पूरे न हो जाएं।