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15 साल के निचले स्तर पर Manufacturing Sector, 27.4 अंक पर आया इंडेक्स

Published: May 04, 2020 12:18:01 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

2009 की आर्थिक मंदी के दौरान Manufacturing PMI करीब 44 तक ही लुढ़का था
मार्च 2005 में शुरू हुई थी Manufacturing PMI की शुरुआत, तब दिखा था यह स्तर

Manufacturing PMI

Manufacturing Sector at 15-year low, index at 27.4 points

नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन 3 ( Coronavirus Lockdown 3 ) की शुरुआत हो चुकी है और जो आंकड़ें सामने आ रहे हैं वो अच्छे नहीं है। आज शेयर बाजार ( Share Market ) में बड़ी गिरावट के बाद अब मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ( Manufacturing Sector ) के आंकड़ों में गिरावट देखने को मिली है। जानकारों की मानें तो 2005 के बाद यानी 15 साल के बाद यह अब तक का सबसे निचला स्तर है। ताज्जुब की बात तो ये है कि मार्च 2005 में ही मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पीएमआई ( Manufacturing Sector PMI ) की शुरुआत हुई थी। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर विनिर्माण क्षेत्र का पीएमआई किस स्तर पर आ गया है।

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27.4 अंकों पर आया इंडेक्स
पूरे देश में लॉकडाउन के कारण गत अप्रैल में देश के विनिर्माण क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखी गयी और आईएचएस मार्किट द्वारा जारी खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) लुढ़ककर 27.4 रह गया। आईएचएस मार्किट माह दर माह आधार पर विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के आंकड़े जारी करता है। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना वृद्धि और इससे नीचे रहना गिरावट को दर्शाता है जबकि 50 पर होना स्थिरता दिखाता है।

सूचकांक 50 से जितना अधिक नीचे गिरता है वह उत्पादन में उतनी बड़ी गिरावट को दर्शाता है। अप्रैल महीने की गिरावट कितनी बड़ी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2009 की वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान भी देश का विनिर्माण पीएमआई करीब 44 तक ही लुढ़का था।

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लॉकडाउन की वजह से 15 साल का निचला स्तर
जानकारों मानें तो मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई का यह स्तर मार्च 2005 के बाद यह सबसे निचला है। खास बात तो ये है कि उसी दौरान मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई की शुरुआत देखने को मिली थी। वास्तव में कोरोना वायरस को रोकने के लिए 25 मार्स से देश में लगातार लॉडाउन है। जिस कारण से आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। डिमांड में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है।

वहीं एमएसएमई भी पूरी तरह से धड़ाम हो चुके हैं। जिसकी वजह से लोगों की नौकरियां जा रही है और आने वाले दिनों में और नौकरियां जाने की संभावनाएं देखने को मिल रही है। जानकार करते हैं कि इनपुट कॉस्ट और आउटपुट प्राइस दोनों में कटौती देखने को मिली है। दोनों से डिस्काउंट की डरमार है। आपको बता दें कि मार्च में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 51.8 अंक पर था।

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