11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Independence Day 2024: देश प्रेम है तो इस साल पढ़ें ये किताबें, इतिहास के साथ जानिए क्रांतिकारियों की गाथा 

Best Books To Read On Independence Day 2024: स्वतंत्रता की लड़ाई में क्रांतिकारी, समाज सेवी, नेता और आम आदमी के साथ प्रसिद्ध लेखकों ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है। इन लेखकों को याद करते हुए आप ये कुछ किताब पढ़ सकते हैं।

2 min read
Google source verification
Independence Day 2024

Best Books To Read On Independence Day 2024: अंग्रेजो ने भारत को न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी गुलाम बना रखा था। धीरे धीरे भारत के कई हिस्सों से स्वतंत्रता की मांग उठने लगी और आजादी की लड़ाई ने जोर पकड़ लिया। स्वतंत्रता की इस लड़ाई में क्रांतिकारी, समाज सेवी, नेता और आम आदमी सभी ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इन संघर्षों में प्रसिद्ध लेखकों का बहुत बड़ा योगदान रहा। ऐसे में आज जानेंगे ऐसे कुछ किताब जो आपमें देशप्रेम की भावना को जगा दे। 

जब कभी भी कोई समाज मार्गविहीन, भ्रमित और राजनीति में भ्रष्ट होने लगता है तो उस समय लेखक अपनी लेखन कला का प्रयोग कर उस समाज को नया मार्ग उपलब्ध कराता है। 19वीं शताब्दी में जब भारत में (Independence Day Of India) स्वतंत्रता के स्वर उठने लगे तो रवींद्रनाथ टैगोर, बाल गंगाधर तिलक, बकिंम चंद्र चर्टजी, महात्मा गांधी और सुभाष चंद्र बोस जैसे कुछ प्रसिद्ध लेखकों ने इसे अपनी रचनाओं के माध्यम से सही दिशा प्रदान की। 

यह भी पढ़ें- स्वतंत्रता दिवस पर ये दमदार भाषण, जोश से भर देगा, गूंजेगी सिर्फ तालियां

गुलामी की कहानी 

इस किताब में सन 1757 से लेकर 1857 तक के असंख्य भारतीय फिर चाहे वो मराठे हो या सिख, उनके संघर्ष की कहानी है। साथ ही इस किताब की मदद से आप भारत के इतिहास से परिचित हो पाएंगे। इस पुस्तक के लेखक सुरेश पटवा हैं। 

1931 देश या प्रेम 

इस 15 अगस्त सत्य व्यास की लिखी ये किताब 1931 देश या प्रेम जरूर पढ़ें। उपन्यास की शैली में लिखी इस किताब की आधारभूमि बंगाल के क्रांतिकारी बिमल दास गुप्त का उत्साही देशभक्त जीवन है। बर्तानिया हुकूमत उन्हें फीनिक्स कहते हैं, जिसका अर्थ है जो कभी नहीं मरता है। इस पुस्तक में देश प्रेम के पीछे का वह त्याग दिखता है, जिसके लिए घर, प्रतिष्ठता, प्रेम, परिवार सब कुर्बान है। यह 1931 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के अमर क्रांतिकारी गुट को आधार बनाकर रचा गया यह एक शक्तिशाली और मनोरम उपन्यास है।

यह भी पढ़ें- कौन हैं IAS कृतिका मिश्रा? हिंदी मीडियम से किया UPSC क्रेक, अब जुड़ने जा रहा है राजस्थान से खास रिश्ता

चौरी-चौरा की जनक्रांति 

आपने भी चौरी-चौरा घटना के बारे में सुना होगा। डॉ. कृष्ण कुमार पाण्डेय की लिखी ये किताब को इस स्वतंत्रता दिवस जरूर पढ़ें। इस पुस्तक में चौरी-चौरा को एक घटना कहा गया है और तत्कालीन इतिहास लेखन के दौरान उन महत्वपूर्ण तथ्यों की उपेक्षा कर दी गई है, जिसने इस घटना की पृष्ठभूमि को तैयार किया था।