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इंजीनियरिंग के साथ अब छात्र कर सकेंगे सोशल स्टडी भी, जानें खबर

Engineering Courses: आईआईटी और एनआईटी की तर्ज पर अब प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी मानविकी (ह्यूमैनिटीज) और सोशल साइंस के विषय पढ़ाए जाएंगे। हालांकि सोशल साइंस और ह्यूमैनिटीज के विषयों को अनिवार्य के बजाय वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा।

जयपुरJul 29, 2019 / 11:49 am

सुनील शर्मा

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engineering Courses: आईआईटी और एनआईटी की तर्ज पर अब प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी मानविकी (ह्यूमैनिटीज) और सोशल साइंस के विषय पढ़ाए जाएंगे। तकनीकी शिक्षा विभाग इसकी तैयारी कर रहा है। कुछ समय पहले हुई बोर्ड ऑफ गर्वनेंस की बैठक में भी इंजीनियरिंग के चारों वर्षों में सोशल साइंस विषय पढ़ाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। अब इस सिस्टम को लागू किए जाने पर कार्य चल रहा है। हालांकि सोशल साइंस और ह्यूमैनिटीज के विषयों को अनिवार्य के बजाय वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। अगले सत्र तक इसे लागू किए जाने की संभावना है।

गौरतलब है कि ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के कुछ समय पहले सोशल साइंस को करिकुलम में शामिल किया गया था जिसके बाद प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज में पिछले वर्ष से ही बी.टेक. के प्रथम व द्वितीय वर्षों में प्रबंधन व सोशल साइंस के क्रेडिट बेस्ड सिस्टम में जोड़ा गया। प्रथम वर्ष के एक सेमेस्टर में तकनीकी संचार व इकोनॉमिक्स और दूसरे वर्ष में फाइनेंशियल अकाउंटेंसी को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया गया है। इसका क्रेडिट स्कोर हासिल करने पर विद्यार्थी को बी.टेक. में ऑनर्स की डिग्री दी जाएगी।

IIT , NIT में सोशल साइंस व ह्यूमैनिटीज विभाग
देशभर में अभी तक IIT और NIT में ही इंजीनियरिंग के साथ सोशल साइंस के विभाग चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही हाल ही में जारी किए गए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ड्राफ्ट में भी बहु-विषयक (मल्टी-डिस्लीप्लीनरी) पढ़ाई पर फोकस किया गया है। नीति के अनुसार साइंस, सोशल साइंस के विषयों में दूरी नहीं होगी। एक संकाय के छात्र दूसरे संकाय के विषय भी यूजी व पीजी में ले सकेंगे।

इंजीनियरिंग के साथ सोशल साइंस के विषय होने से विषयों में वैरायटी मिलेगी। इंजीनियरिंग के छात्र चाहें तो इकोनोमिक्स या अंग्रेजी साहित्य पढ़ सकेंगे। चारों वर्षों में वैकल्पिक विषय देने की तैयारी है।
– वैभव गालरिया, शासन सचिव, तकनीकी शिक्षा विभाग

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