गौरतलब है कि ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के कुछ समय पहले सोशल साइंस को करिकुलम में शामिल किया गया था जिसके बाद प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेज में पिछले वर्ष से ही बी.टेक. के प्रथम व द्वितीय वर्षों में प्रबंधन व सोशल साइंस के क्रेडिट बेस्ड सिस्टम में जोड़ा गया। प्रथम वर्ष के एक सेमेस्टर में तकनीकी संचार व इकोनॉमिक्स और दूसरे वर्ष में फाइनेंशियल अकाउंटेंसी को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया गया है। इसका क्रेडिट स्कोर हासिल करने पर विद्यार्थी को बी.टेक. में ऑनर्स की डिग्री दी जाएगी।
IIT , NIT में सोशल साइंस व ह्यूमैनिटीज विभाग
देशभर में अभी तक IIT और NIT में ही इंजीनियरिंग के साथ सोशल साइंस के विभाग चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही हाल ही में जारी किए गए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ड्राफ्ट में भी बहु-विषयक (मल्टी-डिस्लीप्लीनरी) पढ़ाई पर फोकस किया गया है। नीति के अनुसार साइंस, सोशल साइंस के विषयों में दूरी नहीं होगी। एक संकाय के छात्र दूसरे संकाय के विषय भी यूजी व पीजी में ले सकेंगे।
इंजीनियरिंग के साथ सोशल साइंस के विषय होने से विषयों में वैरायटी मिलेगी। इंजीनियरिंग के छात्र चाहें तो इकोनोमिक्स या अंग्रेजी साहित्य पढ़ सकेंगे। चारों वर्षों में वैकल्पिक विषय देने की तैयारी है।
– वैभव गालरिया, शासन सचिव, तकनीकी शिक्षा विभाग